राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ‘आतंकी संगठन’ कहा।

मुंबई – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हुसैन दलवाई ने कहा है कि यदि सरकार में हिम्मत है, तो वह औरंगजेब की कब्र हटाकर दिखाए। तुषार गांधी, असदुद्दीन ओवैसी और संजय राऊत के हालिया बयानों पर दलवाई ने यह प्रतिक्रिया दी। इसमें उन्होंने भाजपा सरकार की तुलना औरंगजेब के क्रूर शासन से की है।
औरंगजेब की प्रशंसा करने के विषय में उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी को सलाह दी कि ‘औरंगजेब की स्तुति मत करो’, और कहा कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था और उसकी प्रशंसा नहीं करनी चाहिए। (यदि दलवाई को भी औरंगजेब क्रूर लगता है, तो वे औरंगजेब की कब्र तोड़ने की मांग का समर्थन क्यों नहीं करते ? उल्टे उसकी कब्र हटाने को लेकर चेतावनी देते हैं। इससे दलवाई क्या कहना चाहते हैं, यह उन्हें पहले स्वयं सोचकर तय करना चाहिए। – संपादक) अबू आजमी को इतिहास पढने की आवश्यकता है। हुसैन दलवाई ने वक्फ संशोधन विधेयक पर असदुद्दीन ओवैसी के बयान का समर्थन किया।
(और इनकी सुनिए…) ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आतंकी संगठन।’
तुषार गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ‘कैंसर’ कहा था। इस बयान का हुसैन दलवाई ने समर्थन किया है। दलवाई ने कहा कि तुषार गांधी जो कुछ भी कह रहे हैं, वह सही है। तुषार गांधी की जान को खतरा है और सरकार को उन्हें सुरक्षा देनी चाहिए। मैंने पहले भी कहा था और आज भी कहता हूं कि आर.एस.एस. एक आतंकी संगठन है। उसकी शाखाओं में गलत बातें सिखाई जाती हैं। (दलवाई उन बातों को बड़े ध्यान से उठाते हैं जो उनकी मानसिकता के अनुकूल होती हैं, यह इन सभी बयानों से स्पष्ट होता है ! – संपादक)
स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर भी की टिप्पणी।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर के विषय में दलवाई ने कहा कि सावरकर ने छत्रपति संभाजी महाराज के विषय में कई गलत बातें लिखी थीं और उनके बारे में गलत टिप्पणियां की थीं, यह सत्य है। इसके अलावा वे छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में भी नकारात्मक बातें बोलते थे। (किसी भी संदर्भ में स्वातंत्र्यवीर सावरकर को घसीट कर उन पर कीचड़ उछालने का कोई भी मौका कांग्रेस नेता नहीं छोड़ते। इस पर हिंदुत्वनिष्ठ शासन को दलवाई पर कार्रवाई करनी चाहिए ! – संपादक) जब नेहरू को यह पता चला, तब उन्होंने सावरकर की किताबें हटा दी थीं; लेकिन देवेंद्र फडणवीस अब ऐसा क्यों नहीं करते? (नेहरू के प्रति इतनी श्रद्धा रखने वाले दलवाई को ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में नेहरू द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में किए गए अपमानजनक लेखन नहीं दिखते क्या? या वे जानबूझकर उसे नजरअंदाज कर रहे हैं ? – संपादक) आर.एस.एस. के लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को राजा नहीं मानते थे, बल्कि एक व्यापारी मानते थे। यह अत्यंत लज्जाजनक है।
संपादकीय भूमिकाराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसी राष्ट्रभक्त संगठन को जो नेता आतंकी संगठन कहता है, उसे औरंगजेब निकट का ही लगेगा, इसमें आश्चर्य क्या है? यदि दलवाई आगे चलकर ‘लश्कर-ए-तैयबा’, ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’, ‘इस्लामिक स्टेट’ जैसे जिहादी संगठनों को मानवता के लिए वरदान कहें, तब भी आश्चर्य नहीं होगा, यही सत्य है। |