Prakash Ambedkar : (और इनकी सुनिए…) ‘औरंगजेब की कब्र अर्थात एक और अयोध्या की संभावना !’

प्रकाश अंबेडकर

मुंबई – नागपुर हिंसा के पश्चात दोनों पक्षों के लोगों के साथ-साथ असत्य बात फैलानेवालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए । एक हाथ से ताली नहीं बजाई जाती । उसे दो हाथों की आवश्यकता है । भले ही यह अप्रिय बात हो, परंतु मुख्यमंत्री को सतर्कता रखनी चाहिए, तभी १९९२ में जो उत्तर प्रदेश में हुआ, वह महाराष्ट्र में न होगा । मुख्यमंत्री को ऐसी सावधानी बरतनी चाहिए, अन्यथा राज्य के बाहर के लोग औरंगजेब की कब्र को राष्ट्रीय प्रतीक बनाने का प्रयास कर रहे हैं ।

अयोध्या अब राजनीतिक लाभ का विषय नहीं रहा; परंतु औरंगजेब की कब्र एक राजनीतिक लाभ का विषय है । अतः ऐसी संभावना है कि यह दूसरा अयोध्या होगा, ऐसा वंचित बहुजन अघाडी के नेता प्रकाश अंबेडकर ने कहा है ।

संपादकीय भूमिका 

क्या औरंगजेब की कब्र को अयोध्या से जोडना हिन्दू-द्वेष नहीं है ?