Repeal Unjust Waqf Act : अन्यायपूर्ण वक्फ अधिनियम को निरस्त करो !

  • प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विचारक और वैज्ञानिक डॉ. आनंद रंगनाथन का कड़ा बयान

  • वक्फ अधिनियम में संशोधन के विरुद्ध मुसलमानों द्वारा किए गए हिंसक आंदोलन पर वक्तव्य !

प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विचारक और वैज्ञानिक डॉ. आनंद रंगनाथन

नई दिल्ली – वक्फ अधिनियम के माध्यम से वक्फ बोर्ड ने सरकारी भूमि, मंदिरों की देव भूमि और निजी भूमि ऐसी लाखों एकड भूमि हडप ली है । ऐसे काले, अत्याचारी और अन्यायपूर्ण कानूनों को बदला नहीं जाना चाहिए, अपितु समाप्त किया जाना चाहिए । प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विचारक और वैज्ञानिक डॉ. आनंद रंगनाथन ने कड़ा बयान देते हुए कहा कि वक्फ एक्ट में परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए, अपितु इसे निरस्त किया जाना चाहिए । वह एक अंग्रेजी समाचार चैनल द्वारा आयोजित चर्चा मंच पर बोल रहे थे । “मेरा विरोध वक्फ बोर्ड से नहीं, अपितु उसके कानून से है ।” रंगनाथन ने यह भी कहा कि “असंख्य बोर्ड और गैर सरकारी संगठन हैं वैसे ही वक्फ बोर्ड है ।”

डॉ. रंगनाथन ने आगे कहा,

१. शाहीन बाग का भयानक आंदोलन याद करो !

यद्यपि सभी को आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी किसी चीज़ को रोकने का अधिकार नहीं है । शाहीन बाग का आंदोलन याद कीजिए । द्वेषपूर्ण धर्मांधों ने वहां अवैध रूप से सड़कें अवरुद्ध कर दीं थी, जिससे लाखों लोगों को असुविधा हुई थी । इसके पीछे उनके पास कोई तार्किक कारण नहीं था । उन्होंने ऐसा केवल अपनी शक्ति दिखाने के लिए किया और उस समय उन्होंने ‘तेरा-मेरा रिश्ता क्या ला-इला-इल्लल्लाह’ जैसे नारे दिए; ‘हिंदुओं से आजादी’, ‘काफिरों से आजादी’, ‘हम लेकर रहेंगे जिन्ना वाली आजादी’, ‘हिन्दुत्व की कबर खुदेगी’ ?

२. अगर ‘शाहीन बाग’ जैसे आंदोलन पुन: हुए तो इसके लिए पूर्णरूप से केंद्र सरकार ही उत्तरदायी होगी !

मुसलमान वक्फ अधिनियम में संशोधन के विरूद्ध शाहीन बाग जैसे आंदोलन करने की धमकी दे रहे हैं; लेकिन मैं उन्हें दोष नहीं दूंगा । मैं इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह को उत्तरदायी ठहराऊंगा । पहली बार (२०२० में) वे शाहीन बाग में आंदोलन को रोकने में विफल रहे । अब, यदि वे फिर असफल होते हैं, तो हमें स्वीकार करना होगा कि हम एक दुर्बल देश हैं, जो सड़कों पर उतरे समुदाय के ‘सड़क वीटो’ के आगे झुक जाते हैं ।

३. राष्ट्रीय ध्वज पर अशोक चक्र के स्थान पर लिखी इस्लामी प्रतिज्ञा को याद करें !

क्या आपको २०२० में तेलंगाना में मुसलमानों के आंदोलन में राष्ट्रीय ध्वज पर अशोक चक्र के स्थान पर ‘शहादा’ लिखा हुआ याद है ? (शहादा केवल अल्लाह पर विश्वास करने की इस्लामी प्रतिज्ञा है ।) क्या आपको याद है कि छोटे बच्चे भी कह रहे थे, ‘हम मोदी और शाह को गोली मार देंगे’ ?

४. सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप ‘एक देश’ के रूप में वक्फ के शासन के अधीन आ जाएगा !

वक्फ अधिनियम के नाम पर पहले १,५०० वर्ष पुराने मंदिर, फिर बिहार का एक पूरा गांव, फिर भारत की संसद, फिर विजयपुर (कर्नाटक) में कई एकड़ भूमि, कन्नूर का एक क्षेत्र, केरल में ईसाइयों की ४०० एकड भूमि और उसके उपरांत महाकुंभ मेले की पवित्र भूमि इन सबपर वक्फ बोर्ड ने दावा किया । वह दिन दूर नहीं जब पेशावर से प्लासी तक पूरा भारतीय उपमहाद्वीप ‘एक देश’ के रूप में वक्फ के शासन के अधीन आ जाएगा । यह सब बहुत अजीब है ।

 …तो २४ घंटे में ये (मुसलमान) धागे की तरह सीधे हो जायेंगे !

इस समय डॉ. रंगनाथन ने कहा कि विश्वभर में भूमि विवादों का समाधान धार्मिक रूप से निरपेक्ष कानूनों के माध्यम से किया जाता है । तो फिर यह कैसे स्वीकार किया जा सकता है कि भारत में एक धार्मिक समुदाय दूसरे धार्मिक समुदाय के विरुद्ध किसी अन्य कानून की आड़ में अन्याय और अत्याचार कर रहा है ? यह एक अपराध है । क्या हिन्दुओं के लिए वक्फ एक्ट जैसा कोई कानून है ? ऐसा कानून बनाओ । जो लोग वक्फ अधिनियम को यथावत रखना चाहते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि हिन्दू देशभर में हजारों मस्जिदों और मुस्लिम गांवों पर अपना दावा करेंगे । वे इन जमीनों पर नियंत्रण भी न्यायालयों के द्वारा नहीं, अपितु वक्फ जैसे हिन्दू कानूनों के माध्यम से प्राप्त करेंगे । अगर ऐसा हुआ तो ध्यान रखें, ये (मुसलमान) २४ घंटे में धागे की तरह सीधे हो जायेंगे ।