India Slams Pakistan In UN : पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहायता पर पोषित देश !

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत ने पाकिस्तान को पुनः एक बार लगाई फटकार !

भारत के प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी

जिनिवा (स्विटजरलैंड) – पाकिस्तान एक असफल राष्ट्र है तथा वह अंतरराष्ट्रीय सहायता पर पोषित है । पाकिस्तान उसकी सेना तथा वहां के आतंकी संगठनों का गठजोड छिपाकर अपनी प्रतिमा तो धूमिल कर ही रहा है, साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच का भी अनुचित लाभ उठा रहा है, इन शब्दों में भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की ५८ वें सत्र की बैठक में पुनः एक बार पाकिस्तान को फटकार लगाई ।

इस बैठक में भारत के प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान को कठोर शब्दों में लताडते हुए कहा कि,

१. पाकिस्तान की ओर से दी जानेवाली प्रतिक्रियाएं दोहरी तथा अमानवीय वृत्ति से भरी हैं । जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख का प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है तथा रहेगा । पिछले कुछ वर्षाें में इस क्षेत्र में सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक स्तर पर बहुत प्रगति हुई है । भारत सरकार द्वारा ‘आतंकवादमुक्त नीति’ बनाए जाने का ही यह प्रमाण है ।

२. पाकिस्तान के नेता उनकी सेना तथा आतंकी संगठनों के मध्य के संबंधों को छिपाने का प्रयास कर रहा है । ‘ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन’ (ओआईसी – इस्लामी सहयोग संगठन) के मुखपत्र के रूप में पाकिस्तान का उपयोग किया जा रहा है । पाकिस्तान में अस्थिरता है तथा वह अंतरराष्ट्रीय सहायता पर टिका हुए देश है । उनके द्वारा संयुक्त राष्ट्र परिषद का समय गंवाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है । भारत ने सदैव ही लोकतंत्र, विकास तथा प्रत्येक व्यक्ति का स्वाभिमान बनाए रखने पर बल दिया है ।

३. पाकिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है तथा वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के कारण वहां के लोकतांत्रिक मूल्य पैरों तले कुचले जा रहे हैं ।

४. पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्रों द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों को शरण देता है । पाकिस्तान स्वयं ही एक अस्थिर शासन प्रक्रिया की बलि चढ गया है । ऐसी स्थिति में पाकिस्ना को दूसरे देश को सीख नहीं देनी चाहिए । पाकिस्तान को उनके देश के नागरिकों की क्या समस्याएं हैं ?, यह जानकर उनका समाधान करने का प्रयास करना चाहिए ।

संयुक्त राष्ट्रों में पाकिस्तान ने क्या कहा था ?

पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री आजम नजीर तरार ने संयुक्त राष्ट्रों में यह दावा किया था कि कश्मीर में मानवाधिकारों का जो उल्लंघन हो रहा है, उसे रोकना होगा । कश्मीर में जनता के स्वनिर्णय का अधिकार निरंतर अस्वीकार किया जा रहा है । (इसे कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ! पाकिस्तान में विगत ७७ वर्षों से अल्पसंख्यकों के संदर्भ में जो घटित हो रहा है, उसे पूरा विश्व देख रहा है; परंतु इस पर केवल पाकिस्तान ही नहीं, अपितु पूरा विश्व मौन है । यही पाकिस्तान लज्जाहीन बनकर भारत के कश्मीर के विषय में वक्तव्य देने का प्रयास करता है ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • पाकिस्तान को शब्दों से नहीं, अपितु हथियारों से फटकार लगानी आवश्यक है । मोटी चमडीवाले पाकिस्तान को वही भाषा समझ में आती है ।
  • पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर कश्मीर का सूत्र उठाता रहता है तथा भारत उसका उत्तर देता रहता है, ऐसा और कितने वर्षाें तक चलेगा ? अब पाकिस्तान का अस्तित्व ही मिटाना अनिवार्य हो गया है !