प्रयागराज – तीर्थ नगरी प्रयागराज में २६ फरवरी को महाकुंभ पर्व का समापन हो गया । १३ जनवरी से २६ फरवरी तक चले इस पर्व के समय ६६ करोड से अधिक श्रद्धालुओं ने अपार श्रद्धा के साथ त्रिवेणी संगम और गंगा नदी में स्नान किया । इस महाकुंभ पर्व ने पिछले कुंभ मेलों में आए श्रद्धालुओं की संख्या के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, वास्तव में, यह प्रयागराज में आयोजित अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव बन गया है । एक ही दिन में, २६ फरवरी को शाम ४ बजे तक १.३२ करोड़ श्रद्धालु कुंभ मेले में दर्शन कर चुके थे । उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महाकुंभ पर्व को ‘दिव्य-भव्य-डिजिटल महाकुंभ’ के रूप में विज्ञापित किया था । सरकार ने अनुमान लगाया था कि १४४ वर्षों के बाद आए इस महान उत्सव में ४० से ४५ करोड़ श्रद्धालु भाग लेंगे; परंतु, महाकुंभ पर्व को श्रद्धालुओं से इससे कहीं अधिक प्रतिक्रिया मिली । अमृत स्नान के दिन मौनी अमावस्या पर हुई एक दुखद दुर्घटना में कुछ श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी । यह अनुमान लगाया गया था कि इस त्रासदी के बाद भक्तों का प्रवाह कम हो जाएगा; लेकिन उसके बाद भी करोड़ों श्रद्धालु संगम पर आए और स्नान किया ।
सभी क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों का स्नान !
संगम में राजनीतिज्ञों, अभिनेताओं, खेल, कला, विज्ञान, उद्योग आदि सहित धार्मिक क्षेत्र के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया । सत्ताधारी तथा विपक्षी दलों के सभी राजनीतिक नेता महाकुंभ पर्व में स्नान करने आए थे ।
‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ की घोषणा केंद्रबिंदु बनी !
महाकुंभ पर्व के दौरान सभी संतों, महंतों, अखाड़ों और आध्यात्मिक संस्थाओं द्वारा भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का जो उद्घोष किया गया, वह पूरे महाकुंभ पर्व का केंद्र बिंदु बन गया । महाकुंभ पर्व के समय विभिन्न तरीकों से हिन्दू राष्ट्र का उद्घोष किया गया, जैसे कि पदयात्रा, धार्मिक संसद, फलक, यज्ञयाग, हस्ताक्षर अभियान आदि ।
कुंभ मेले की मुख्य विशेषताएं !
१. कुंभ मेले के पश्चात् काशी, अयोध्या और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई ।
२. महाकुंभ पर्व के समय यातायात जाम के मुद्दे पर अधिक चर्चा हुई ।
३. हिन्दू विरोधी शक्तियों ने महाकुंभ पर्व स्थल पर अस्वच्छता तथा अश्लीलता के संदर्भ में सोशल मीडिया के माध्यम से अपप्रचार करने का प्रयास किया; परंतु, सभी स्तर पर श्रद्धालुओं ने इसका जोरदार प्रतिसाद दिया । इस प्रकार महाकुंभ पर्व की अपकीर्ति करने का षड्यंत्र विफल हो गया ।
४. कुछ मीडिया संगठनों ने महाकुंभ पर्व के धार्मिक उत्साह को प्रदर्शित करने के स्थान पर, कथित प्रसिद्धि लोलुप व्यक्तियों पर लगातार समाचार देकर महाकुंभ पर्व की अपकीर्ति करने का प्रयास किया ।