वीर सावरकर के ‘अनादि मी, अनंत मी’ इस गीत को मिला पुरस्कार !
मुंबई – महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक कार्य विभाग ने ‘छत्रपति संभाजी महाराज महाराष्ट्र प्रेरणागीत पुरस्कार’ की घोषणा की है । वर्ष २०२५ से इस पुरस्कार का आरंभ किया गया है । इसके अंतर्गत पहला पुरस्कार वीर सावरकर द्वारा लिखित ‘अनादि मी, अनंत मी, अवध्य मी भला ..’, इस अजरामर गीत को देने की घोषणा राज्य के सांस्कृतिक कार्यमंत्री आशिष शेलार ने की । ब्रिटिशों के चंगुल से छूटने के लिए वीर सावरकर ने जिस स्थान पर समुद्र में विश्वविख्यात छलांग लगाई, उस फ्रांस के मार्सेलिस बंदरगाह से आशिष शेलार ने इस पुरस्कार की घोषणा की है ।
मार्सेलिस बंदरगाह में छलांग लगाने के उपरांत वीर सावरकर पुनः ब्रिटिशों के हाथ लग गए । भारत में उन पर अभियोग चलाया गया तथा उन्हें आजन्म कारावास का दंड सुनाएया गया । जीवन के इइ कठिन प्रसंग में वीर सावरकर को ‘अनादि मी, अनंत मी, अवध्य मी भला, मारिल रिपु जगति असा कवण जन्मला’, यह आत्मबल बढानेवाला गीत सूझा ।
जान लीजिए इस पुरस्कार का स्वरूप तथा चयन के मापदंड !
सांस्कृतिक कार्य विभाग की ओर से प्रतिवर्ष ‘छत्रपति संभाजी महाराज महाराष्ट्र प्रेरणागीत’ पुरस्कार दिया जाएगा । गीतकार को पुरस्कार के रूप में २ लाख रुपए की धनराशि दी जाएगी । जो गीतकार जीवित नहीं है, उनके उत्तराधिकारियों को यह धनराशि दी जाएगी । इस पुरस्कार के लिए गीत का चयन करने के लिए सांस्कृतिक कार्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है । पुरस्कार के लिए चुना जानेवाला गीत न्यूनतम ५ वर्ष पूर्व लिखा जाना चाहिए तथा मराठी भाषा में होना अनिवार्य है, साथ ही यह गीत राष्ट्र कार्य की स्फूर्ति तथा प्रेरणा देनेवाला होना चाहिए आदि मापदंड पुरस्कार गीत के लिए सुनिश्चित किए गए हैं ।
अनादि मी अनंत मी | स्वातंत्र्यवीर सावरकर | सुधीर फडके | स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक (सौजन्य : Savarkar Smarak) |