SC On Bangladeshi Hindus Security : बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा का आदेश नहीं दे सकता ! – सर्वोच्च न्यायालय

बांग्लादेश के हिन्दुओं को सुरक्षा देने से संबंधित याचिका निरस्त की !

न‌ई देहली – बांग्लादेश के हिन्दुओं को तथा अन्य अल्पसंख्यक वर्ग को सुरक्षा देने की मांग करना विदेश नीति से संबंधित विषय है । इसी प्रकार, भारत की न्याय व्यवस्था किसी दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती । यह कह कर सर्वोच्च न्यायालय ने इस जनहित याचिका को निरस्त कर दिया ।

पंजाब में लुधियाना के व्यापारी राजेश धांडा ने यह याचिका प्रविष्ट की थी । इसमें उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों (हिन्दू, सिख, जैन आदि) की स्थिति अत्यंत दयनीय है । बांग्लादेश में लोकतांत्रिक सरकार के पतन के पश्चात वहां के धार्मिक कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों पर आक्रमण कर रहे हैं । उनके विरुद्ध वहां सामूहिक हत्या, अपहरण, संपत्ति छीनना आदि आपराधिक घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं । हाल ही में बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हुए आक्रमणों के कारण नागरिकता संशोधन अधिनियम २०१९ के अंतर्गत शरणार्थियों के लिए निर्धारित अंतिम दिनांक ३१ दिसंबर २०१४ (इस दिन तक भारत में आए हुए) को आगे बढ़ाया जाए, जिससे नए पीड़ितों को भी भारतीय नागरिकता मिल सके ।

याचिका में विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को निर्देश देने की मांग सर्वोच्च न्यायालय से की गई थी । इससे बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास वहां के धार्मिक और राज्य प्रायोजित अत्याचार का सामना करने में हिन्दुओं की सहायता कर सकता था ।

संपादकीय भूमिका 

भारत के हिन्दुओं को इस प्रकार न्यायालय में न जाना पड़े इसके लिए केंद्र सरकार ने ही बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा के लिए बांग्लादेश पर दबाव डालना चाहिए, यह विश्व के सभी हिन्दुओं की भावना है !