भारत में श्रीराम के छायाचित्र अंकित चलमुद्रा (नोट) छापने की महाकुंभ में हो रही है मांग !

  • प्रयागराज के महर्षि योगी संस्था की ओर से श्रीराम की छायाचित्र युक्त चलमुद्रा (करेंसी नोट) छापने की मांग !

  • संस्था केंद्रशासन से करेगी चर्चा !

श्रीराम की छायाचित्र अंकित चलमुद्रा

प्रयागराज – महाकुंभ में हिन्दू राष्ट्र और सनातन बोर्ड बनाने की मांग तेज होने पर, अब भारत में भगवान श्रीराम की छायाचित्र युक्त चलमुद्रा (नोट) छापने की मांग यहां के महर्षि योगी संस्था ने की है । जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया’ (‘आर.बी.आई’) के गर्वनर थे, तब यह मांग की गई थी । उस समय आर.बी.आई ने कहा था कि भारत में २ प्रकार की चल-मुद्राएं नहीं चल सकतीं । नीदरलैंड में श्रीराम का छायाचित्र डिजाइन कर चल-मुद्रा में लाने के लिए जिस संस्था ने ‘द ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस’ की सहायता की थी, उसी ने यह मांग दोहराई है । अब इस संस्था से जुड़े वरिष्ठ अर्थशास्त्री आर.बी.आई. से मिलने की योजना बना रहे हैं । मोदी सरकार इस मांग पर विचार कर सकती है, ऐसी आशा इस संस्था को है । श्रीराम के चित्रयुक्त इस चल-मुद्रा का उपयोग हॉलैंड, जर्मनी समेत ३० देशों में हो रहा है । यह संस्था सबसे धनाढ्य आध्यात्मिक संस्था है और महर्षि महेश योगी से संबंधित है । इस संस्था से संबंधित महर्षि संस्थान का आश्रम प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र के अरैल में है ।

संस्था के प्रमुख ब्रह्मचारी गिरीश महाराज ने कहा, ‘‘सब लोग रुपया, डॉलर, यूरो पर अधिक बातें करते हैं । प्रत्येक को संपत्ति की आवश्यकता होती है । फिर भी, महर्षि महेश योगी की इच्छा थी कि लोग दिनभर राम-राम कहते रहें; इसके लिए उन्होंने राम नाम की चल-मुद्रा व्यवहार में लाने का निर्णय लिया । आगे चलकर इस संबंध में विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया । राममुद्रा सर्वप्रथम नीदरलैंड में छापी गई । हमारी संस्था इस प्रयास में सम्मिलित थी । १० डॉलर के बराबर १ राममुद्रा का मूल्य निर्धारित किया गया । उसके पश्चात राममुद्रा हॉलैंड, जर्मनी, स्वीटजरलैंड, आस्ट्रिया समेत ३० देशों में चली । यह एक बड़ा और अच्छा प्रयोग था । अनेक लोगों को यह प्रयास अच्छा लगा । उसके पश्चात भारत में यह चल-मुद्रा चलाने का प्रयास किया गया, जिसे सफलता नहीं मिली । अब पुनः श्रीराम की छायाचित्र अंकित चलमुद्रा छापने के विषय में चर्चा आरंभ हो गई है । संस्था को आर्थिक सहयोग करने वाले वरिष्ठ लोग सरकार से चर्चा करेंगे । हम सरकार को बताएंगे कि यह मुद्रा कैसे उपयोगी है । यह एक विकास चल-मुद्रा है, जो निश्चित समय के लिए है ।’’