अजमेर दरगाह के शिवमंदिर होने का प्रकरण

अजमेर (राजस्थान) – हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता पर यहां गोलीबारी करने की घटना २५ जनवरी को सवेरे ६ बजे हुई । विष्णु गुप्ता ने अजमेर के चिश्ती दरगाह के स्थान पर हिन्दू मंदिर होने के संदर्भ में यहां के न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है । इस याचिका पर २४ जनवरी को सुनवाई हुई थी । तदनंतर वे दिल्ली जा रहे थे, तब गगवाना-लाडपुरा में दोपहिया वाहन से आए २ अज्ञातों ने उनके चारपहिया वाहन पर गोलीबारी की तथा वे दोनों भाग गए । विष्णु गुप्ता के वाहन को गोलियां लगी । इसमें विष्णु गुप्ता बच गए । पुलिस ने इस प्रकरण में अपराध पंजीकृत किया है । इस घटना के उपरांत विष्णु गुप्ता ने कहा ‘मेरी सुरक्षा में इससे पूर्व से ही कमियां है । मुझे जान से मार डालने की धमकियां मिल रही हैं । यह आक्रमण भयभीत करने हेतु किया गया था; परंतु मैं भयभीत नहीं होऊंगा ।’
🚨 Shocking Attack on @HinduSenaOrg President VishnuGupta ! 🚨
🔫 @VishnuGupta_HS narrowly escapes a bullet attack amid the ongoing case claiming the Ajmer Dargah being a Shiva temple.
⚖️ His advocate also faces death threats
Those unwilling to fight a legal battle are… https://t.co/CdVNEdOmyo pic.twitter.com/C5LyCEDFY0
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 25, 2025
पुलिस, अपराधियों की पहचान हेतु निकट के सीसीटीवी चित्रीकरण की जांच कर रही है । पुलिस ने कहा ‘शीघ्र ही अपराधियों को बंदी बनाया जाएगा एवं प्रकरण उजागर किया जाएगा ।’
विष्णु गुप्ता के अधिवक्ताओं को जान से मार डालने की धमकी
अजमेर दरगाह में शिवमंदिर होने का दावा करनेवाली याचिका पर २४ जनवरी को न्यायालय में सुनवाई हुई । इससे पूर्व विष्णु गुप्ता के अधिवक्ताओं को न्यायालय के बाहर एक व्यक्ति ने धमकी देते हुए कहा था ‘२४ जनवरी को सुनवाई हेतु यदि न्यायालय में आए, तो गोलियां मारकर जान से मार डालेंगे ।’ उसने स्वयं को पत्रकार बताया था ।
दरगाह समिति को पक्ष प्रस्तुत करने हेतु दिया गया समय
याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता की याचिका पर दरगाह समिति ने न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है । इसमें उन्होंने शिवमंदिर होने का दावा करनेवाली याचिका अस्वीकार करने की मांग की है । समिति का कहना है ‘यह याचिका सुनवाई हेतु उचित नहीं है । तब न्यायालय ने विष्णु गुप्ता से उत्तर मांगा । विष्णु गुप्ता ने न्यायालय में अपना उत्तर प्रस्तुत किया है । अब दरगाह समिति को इस उत्तर पर पक्ष रखना है, इस हेतु उन्होंने न्यायालय से समय मांगा है । इस प्रकरण में पक्षकार होने हेतु ६ नए लोगों ने आवेदन प्रविष्ट किए हैं । अबतक कुल ११ लोगों ने इस प्रकरण में पक्षकार होने की मांग की है ।
विष्णु गुप्ता ने कहा ‘अजमेर दरगाह में मंदिर के अस्तित्व के संदर्भ में न्यायालय समक्ष अनेक प्रमाण प्रस्तुत किए हैं । यहां पूजा स्थल कानून (प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट) लागू नहीं होता; क्योंकि वह प्रार्थनास्थल नहीं है । केवल मंदिर, मस्जिद एवं चर्च तथा गुरुद्वारा पूजा कानून अंतर्गत आते हैं । पूजा कानून के अंतर्गत दरगाह अथवा कब्रस्तान का उल्लेख नहीं है ।’
संपादकीय भूमिका
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