पहली बार समझाएं, दूसरी बार यदि उल्लंघन करते हैं, तो मस्जिदों पर लगे ध्वनिक्षेपक नियंत्रण में लें !

मस्जिदों पर रहे भोंपू के संदर्भ में मुंबई उच्च न्यायालय का पुलिस को महत्त्वपूर्ण आदेश !

मुंबई – मस्जिदों पर लगे भोंपू की आवाज के विरुद्ध परिवाद आने से पुलिस को उसका पंजीकरण करना पडेगा । पहली बार समझाएं, दूसरी बार यदि उल्लंघन करते हैं, तो मस्जिदों पर लगे ध्वनिक्षेपक (भोंपू) नियंत्रण में ले लें, ऐसी सूचना मुंबई उच्च न्यायालय ने दी है ।

मुंबई के कुर्ला एवं चुनाभट्टी क्षेत्रों में २ निवासी कल्याणकारी संगठनों द्वारा प्रविष्ट याचिका पर यह महत्त्वपूर्ण आदेश दिया गया है । याचिका के द्वारा संगठनों के क्षेत्र में अनेक मस्जिदें एवं मदरसों के कारण होनेवाले ध्वनिप्रदूषण के संदर्भ में नगर पुलिस की उदासीनता रेखांकित की गई है । स्थानीय पुलिस से बार-बार परिवाद करके भी कोई भी कठोर कार्रवाई होती दिख नहीं रही, ऐसा आरोप याचिकाकर्ता द्वारा लगाया गया था ।

प्रार्थना हेतु अथवा धार्मिक प्रवचन हेतु भोंपू का उपयोग करना, यह किसी भी धर्म का अत्यावश्यक भाग नहीं है ! – मुंबई उच्च न्यायालय

प्रार्थना हेतु अथवा धार्मिक प्रवचन हेतु भोंपू का उपयोग करना, यह किसी भी धर्म का अत्यावश्यक भाग नहीं है, ऐसा मुंबई उच्च न्यायालय ने २३ जनवरी को कहा है । इस कारण ‘ध्वनिप्रदूषण नियम, २०००’ की कठोरता से कार्यवाही करना एवं किसी भी धार्मिक स्थल द्वारा ध्वनिप्रदूषण न हो, इसकी सावधानी रखने के आदेश न्यायालय ने मुंबई पुलिस को दिए हैं ।

खंडपीठ ने उल्लेख किया है कि संबंधित मानदंडों में ध्वनिप्रदूषण करनेवालों को प्रतिदिन ५ सहस्र रुपये दंड का प्रावधान है । ३६५ दिन मस्जिदों के कारण ध्वनिप्रदूषण होने से वह राशि १८ लाख २५ सहस्र रुपए होगी ।

हमारी सरकार न्यायालय के निर्णय का अनादर करनेवालों को कठोर दंड देने की भूमिका लेगी ! – नितेश राणे, मत्स्यव्यवसाय एवं बंदरगाह विकास मंत्री

नितेश राणे

राज्य में हिन्दुत्ववादी विचारधारा की सरकार है । मस्जिदों पर लगे भोंपू की आवाज पर से अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के परिवाद आ रहे हैं । न्यायालय की सुनवाई पर १०० प्रतिशत कार्यवाही करने का कार्य हमारी सरकार का है । कानून सभी के लिए है । यदि न्यायालय के निर्णय का कोई अनादर करता है, तो उसे कठोर दंड देने की भूमिका हमारी सरकार लेगी ।

मुंबई उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत ! – संदीप देशपांडे, मनसे

संदीप देशपांडे

मुंबई उच्च न्यायालय के निर्णय का हम स्वागत करते हैं । यह न्यायालय का निर्णय कोई पहली बार नहीं आया है । इस संदर्भ में पहले भी न्यायालय ने आदेश दिए हैं । सरकार को न्यायालय के नए मार्गदर्शक तत्त्वों का पालन करना चाहिए । सरकार को ठोस भूमिका लेनी होगी । इस निर्णय के उपरांत राज ठाकरे जो आदेश देंगे, उसके अनुसार हम आगे का कार्य करेंगे ।