Stalin N Udaynidhi Insults Pongal : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन और उनके बेटे उदयनिधि ने जूते पहनकर ‘धर्मनिरपेक्ष’ पोंगल मनाया !

सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन (दाएं) और उनके पुत्र उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन (बाएं) जूते पहनकर पोंगल मनाते हुए

चेन्नई (तमिलनाडु) – डीएमके सरकार ने तमिलनाडु में हिन्दू त्योहार ‘पोंगल’ को भी ‘धर्मनिरपेक्ष’ बनाने का षड्यंत्र रचा है । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन १४ जनवरी को पोंगल मनाने के लिए उसी स्थान पर आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए । कार्यक्रम स्थल पर पोंगल के अवसर पर भोजन पकाने की रस्म चल रही थी । उस समय, स्टालिन ने हिजाब (मुस्लिम महिलाओं के चेहरे और गर्दन को ढकने वाला कपड़ा) पहने मुस्लिम महिलाओं और गले में क्रॉस (ईसाइयों का धार्मिक प्रतीक) पहने ईसाई महिलाओं के साथ खाना पकाया; हालांकि, उसी समय वहां उपस्थ हिन्दू महिला को एक ओर अलग कर दिया गया । इस बार, स्टालिन के और उसके पुत्र के पैरों में जूते थे । इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर दोनों की आलोचना हो रही है । घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं ।

१. पोंगल त्यौहार के दौरान, चूल्हे पर मिट्टी के बर्तनों में भोजन पकाया जाता है । सूर्यदेव, इंद्र, गाय, बैल तथा कृषि से संबंधित प्रतीकों की पूजा की जाती है । इस अवसर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन की पूजा करते हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई है । इसमें वह हिजाब और बूट पहने एक महिला और एक लड़की को प्रसाद दे रहे हैं । मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे और राज्य मंत्री उदयनिधि की एक तस्वीर को लेकर भी इसी प्रकार के प्रश्न उठाए गए हैं।

लोगों ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि हिजाब पहनने वाली महिलाओं को शामिल करना पोंगल त्योहार को धर्मनिरपेक्ष बनाने का प्रयास है और हिन्दुओं का अपमान है ।

२. एक न्यूज़ चैनल के एंकर सुमंत रमन ने ‘ एक्स ‘ पर पोस्ट करते हुए कहा कि इस फोटो में चूल्हा नहीं जला है, बर्तनों में खाना नहीं दिख रहा है, जूते पहने हुए हैं और हिन्दू महिला को एक ओर कर दीया गया है, ये सब चीज़ें द्रविड़वाद (आर्य बनाम द्रविड़) के झूठ को दर्शाती हैं ।

पोस्ट में आगे पूछा गया है, ‘क्या इन कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले लोग फ़ोटो खींचने का काम अच्छे से नहीं कर सकते ?’ उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “अब समय आ गया है कि सरकार एक नया प्रचार तंत्र गठित करे ।”

संपादकीय भूमिका 

  • अपने को नास्तिक कहने वाला और सनातन धर्म को नष्ट करने का प्रयास करने वाला स्टालिन परिवार पोंगल मनाने के नाम पर इसका अपमान कर रहा है । हिन्दुओं को चाहिए कि वे शिकायत दर्ज कराएं और पर्व का उपहास करनेवाले के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कराएं । ऐसे लोगों को दंड मिल जाए तो कुछ सीमा तक वे काबू मे आयेंगे !
  • यदि अन्य धर्मों के प्रति ऐसी ही अवमानना ​​दिखाई गई होती तो उनके विरुद्ध ‘सर तन से जुदा’ (शरीर से सिर अलग करने) के फतवे (इस्लाम में कानूनी नियम) जारी कर दिए गए होते !