Muhammad Yunus Meets Religious Leaders : मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के धार्मिक नेताओं से की मुलाकात !

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के उत्पीडन का मामला

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस

ढाका – इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास को बंदी बनाने के बाद बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन जारी है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हमले हो रहे हैं । इसलिए बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है । देश में बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने धार्मिक नेताओं से संपर्क किया है । यूनुस ने देश के हालात सुधारने के लिए सभी धर्मों के नेताओं से सहयोग मांगा है । उन्होंने अल्पसंख्यकों को सुरक्षा का भी आश्वासन दिया है । (बांग्लादेश में इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा हिन्दुओं पर हमले की घटनाएं हुई हैं और पूरी दुनिया ने उन्हें देखा है। हम बांग्लादेश सरकार के प्रमुख से न केवल आश्वासन की उम्मीद करते हैं, अपितु आक्रमणकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की भी उम्मीद करते हैं ! – संपादक )

१. ढाका में विदेश सेवा अकादमी में विभिन्न धार्मिक समुदायों के नेताओं से बात करते हुए यूनुस ने कहा, “अलग-अलग धर्मों के कारण हमारे बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं; लेकिन हम एक दूसरे के दुश्मन नहीं हैं । हम सभी एक परिवार के सदस्य हैं और सभी को समान अधिकार हैं।’ हमारे संविधान ने सभी को समान अधिकार दिये हैं।

२. धार्मिक नेताओं के साथ बैठक में यूनुस ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले का विषय बार-बार उठाया जा रहा है; लेकिन हकीकत और विदेशी मीडिया के दावों में फर्क है ।

३. यूनुस ने सभी की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अगर देश में अल्पसंख्यकों पर हमले की घटना होती है तो ऐसी घटना के विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए और अपराधियों को न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए । दोषी पाए गए किसी भी व्यक्ति को उसके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए ।

४. यूनुस ने कहा कि हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार होना चाहिए । ये अधिकार संविधान से प्राप्त हुए हैं और इन्हें बरकरार रखना हमारा काम है । ‘

संपादकीय भूमिका 

यह दिखाने के लिए कि हम बांग्लादेशी हिन्दुओं के लिए कुछ कर रहे हैं, बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार यूनुस ऐसे दौरे कर रहे हैं। हिन्दू जानते हैं कि ‘इससे ​​कुछ हासिल नहीं होगा ‘ !