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प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – प्रयागराज में महाकुंभ मेले की बडे धूमधाम से तैयारियां चल रही हैं । योगी सरकार इस महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास कर रही है । इस पृष्ठभूमि पर संगमनेर या संगमनगरी के गंगा नदी के तीर पर रसुलाबाद घाट का नाम परिवर्तित किया गया है । अब वह ‘शहीद चंद्रशेखर आजाद घाट’ के रूप में पहचाना जाएगा । रसुलाबाद घाट प्रयागराज के सबसे पुराने घाटों में से एक है । इस घाट पर अमर हुतात्मा (शहीद) चंद्रशेखर आजाद के अंतिम संस्कार किए गए थे । अब महाकुंभ के पूर्व योगी सरकार ने आदेश जारी कर इस घाट को क्रांतिकारी का नाम दिया है ।
१. कुछ दिन पूर्व ही नगर निगम ने रसुलाबाद घाट का नाम परिवर्तित करने का संकल्प पारित किया था । इस विषय में नगर निगम ने अधिसूचना जारी की थी ।
२. कुछ दिन पूर्व के अपने प्रयागराज निरीक्षण के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ मेले की तैयारियों का निरीक्षण किया था । इस समयावधि में उन्होंने दशाश्वमेध घाट एवं गंगा रिवर फ्रंट रोड का निरीक्षण किया था । उस समय उन्होंने रसुलाबाद घाट का नाम परिवर्तित करने के निर्देश दिए थे ।
३. इससे पूर्व उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद एवं फैजाबाद जैसे बडे नगरों के नाम परिवर्तित किए गए थे । इलाहाबादल को अब प्रयागराज एवं फैजाबाद को अब अयोध्या के रूप में पहचाना जाता है ।
४. इसके साथ ही मुगलसराय एवं झांसी इन रेल-स्थानकों के नाम परिवर्तित कर क्रमशः पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर एवं वीरांगना लक्ष्मीबाई नगर किए गए हैं ।
५. इसके साथ ही लक्ष्मणपुरी (लखनौ) विभाग के ८ रेल-स्थानकों के नाम परिवर्तित किए गए हैं । इनमें जैस, अकबरगंज, फुरसतगंज, वारिसगंज हॉल्ट, निहालगढ, बानी, मिश्रौली एवं कासीमपुर हॉल्ट समाहित हैं । इन सभी रेल-स्थानकों को धार्मिक स्थल, महान व्यक्ति एवं आध्यात्मिक गुरु के नाम दिए गए हैं ।
संपादकीय भूमिकाराष्ट्रप्रेमियों की ऐसी इच्छा है कि मुसलमान आक्रामकों द्वारा नगर, गांव एवं अन्य स्थलों को दिए गए नाम परिवर्तित करने हेतु अब केंद्र सरकार को ही देश में अभियान आरंभ करना चाहिए ! |