अमरावती (आंध्रप्रदेश) – आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने राज्य वक्फ बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया है । राज्य के कानून और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन. मोहम्मद फारूख ने ३० नवंबर को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है । इस आदेश में कहा गया है कि बोर्ड का अध्यक्ष चयन स्थगित होने पर लंबे समय तक निष्क्रिय रहने के कारण उसे भंग करने का निर्णय लिया गया है ।
🚨 Breaking News: Andhra Pradesh Abolishes State Waqf Board! 🚨
This decision was made after the High Court stayed the election of the Board’s Chairperson and pending litigations challenged the constitutionality of the Board’s formation. 🤯
When will the #WaqfAct be abolished?… pic.twitter.com/hWzMlQjZrn
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 1, 2024
१. मंत्री फारूख ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पहले की नियुक्तियों के विषय में गत वर्ष २१ अक्टूबर को उच्च न्यायालय में याचिका डाली गई थी । उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में अंतरिम आदेश दिया था और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित किया था । इससे, बोर्ड में प्रशासकीय और वैधानिक गतिरोध उत्पन्न हो गया । इसलिए, बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया गया ।
२. सरकार ने वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुधारने और अल्पसंख्यकों के हितों को सर्वोपरि रखने का आश्वासन दिया है । वक्फ बोर्ड के संपत्ति की सुरक्षा करने और प्रशासकीय समस्या दूर करने के लिए सरकार ने यह नया आदेश लागू किया है ।
वक्फ संपत्ति और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है । इन संपत्तियों का पारदर्शक और प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने की इच्छा इस नए आदेश में झलक रही है ।
संपादकीय भूमिकायदि आंध्रप्रदेश की तेलुगु देसम सरकार ऐसा कर सकती है, तो देश की प्रत्येक राज्य सरकार भी चाहे तो ऐसा कर सकती है ! |