नई देहली – ‘ए.एन्.आई.’ समाचार संस्था की संपादिका स्मिता प्रकाश ने कुछ दिन पूर्व सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड से भेंटवार्ता की । उसमें स्मिता प्रकाश ने न्यायाधीश चंद्रचूड से राहुल गांधी द्वारा दिए गए ‘अब विरोधी दलों को भी न्यायतंत्र का काम करना पड रहा है’, इस वक्तव्य के विषय में उनकी प्रतिक्रिया पूछी, उस समय न्यायाधीश चंद्रचूड ने कहा कि न्यायपालिका कानूनों की समीक्षा करने के लिए होती है तथा लोकतंत्र में राजनीतिक विरोधियों का अलग स्थान होता है । न्यायपालिका कोई विरोधी दल नहीं है; इसलिए मुझे राहुल गांधी से विवाद नहीं करना है । ‘वर्तमान में मुझे न्यायालयीन कामों से दूर रहना है । मुझे अन्यों को सिखाना है तथा मुझे युवकों से संपर्क करना है’, ऐसा भी उन्होंने कहा ।
कुछ ही दिन पूर्व राहुल गांधी ने कहा था कि प्रसारमाध्यमों, अन्वेषण विभागों तथा न्यायपालिका की ओर से हम अकेले काम कर रहे हैं । यह भारत की वास्तविकता है । पूर्व मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड से जब इस विषय में पूछा गया, उस समय उन्होंने कहा, ‘‘अनेक बार यह अवधारणा रहती है कि न्यायतंत्र को सदन में विरोधी दलों की भूमिका में रहना चाहिए, जो सत्य नहीं है । हम यहां कानूनों की जांच करने के लिए होते हैं । ’’
न्यायपालिका के कंधों से अन्यों पर लक्ष्य साधने का प्रयास – पूर्व मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड
कार्यकारी विभाग की कार्यवाही कानून के परिप्रेक्ष्य में है अथवा नहीं तथा वह संविधान से सुसंगत है अथवा नहीं, इसकी पडताल का दायित्व न्यायपालिका को सौंपा गया है । कुछ लोग न्यायपालिका के कंधों से अन्यों पर लक्ष्य साधने का प्रयास करते हैं तथा न्यायालय को राजनीतिक विरोध का मंच बनाने का प्रयास करते हैं ।’’