कर्नाटक के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमीर अहमद खान का वक्तव्य
बेंगलुरू (कर्नाटक) – हिन्दू धर्मादाय विभाग तथा वक्फ बोर्ड अलग नहीं हैं । हम ‘अल्ला’ कहते हैं, आप ‘देव’ कहते हैं । इतना ही अंतर है । (यह एक ही भेद नहीं,अपितु असंख्य भेद हैं । उसका वर्णन यहां करने हेतु शब्द अपर्याप्त होंगे । अधिकांश हिन्दुओं को यह ज्ञात है ! -संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) मैं राजनीति में आकर जातीय गणित करनेवाला व्यक्ति नहीं हूं ।(ऐसा देश में एक भी राजनेता नहीं है । ‘झूठ बोलो; परंतु डट कर बोलो’ अधिकांश राजनेता इसी मानसिकता के होते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) मैं मुसलमान होने से पूर्व एक भारतीय हूं । अपने देश तथा राज्य के सभी समाजों को एकत्रित लेकर जानेवाला यथार्थ राजनेता हूं । (जिस टीपू सुलतान ने एक दिन में एक लाख हिन्दुओं को कलंकित कर मुसलमान बनाया, क्या उसके विरोध में बोलने का साहस जमीर अहमद कर सकते हैं ?यदि यह संभव है, तभी वे दोनों ही समाजों को एकत्रित लेकर जानेवाले राजनीतिज्ञ हैं, ऐसा कहना संभव होगा ! -संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) भाजपा के नेताओं के कथनानुसार हमारी सरकार ने विजयपुरा जिले की सहस्रो एकड भूमि के मालिकों को सूचनाएं नहीं दी हैं ।केवल ११ एकड भूमि के मालिकों को सूचनाएं दी हैं । यदि अनधिकृत रूप से सूचनाएं दी गईं, तो कार्यवाही की जाएगी, कर्नाटक राज्य कांग्रेस के वक्फ एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमीर अहमद खान ने ऐसा दावा किया है ।
संपादकीय भूमिकाजमीर अहमद खान द्वारा किया गया वक्तव्य बिल्कुल यथार्थ है । दोनों का उद्देश्य एक ही है । सरकारनियंत्रित हिन्दू धर्मादाय संस्था हिन्दुओं के मंदिरों को मिले देवनिधि में हेराफेरी करती हैं, जबकि वक्फ बोर्ड हिन्दू मंदिर तथा हिन्दुओं की संपत्ति स्वयं की संपत्ति हाेने का दावा करता है । इस स्थिति को नियंत्रित करने हेतु अब हिन्दू राष्ट्र ही आवश्यक है ! |