Narendra Modi : साइबर धोखाधडी का भक्ष्य न बनें !

  • प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’ के माध्यम से जनता से आवाहन 

  • सहायता के लिए के लिए त्वरित सहायता क्रमांक ‘१९३० ‘ उपलब्ध है !

नई देहली – आजकल बहुत से लोगों से भ्रमणभाष पर संपर्क किया जाता है और उन्हें डराया जाता है , उन्हें गुनाह का आभास देकर बंदी बनाए जाने का डर दिखाया जाता है, जैसे उन्होंने कोई गंभीर अपराध किया हो । पकडे जाने के भय से बचने के लिए उन्हें एक निश्चित बैंक खाते में कुछ राशि जमा करने के लिए कहा जाता है। इस प्रकार जनता को धोखा देकर और ‘डिजिटल बंदित्व ‘ की धमकी देकर साइबर अपराध किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से इस पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यदि किसी को ऐसी धमकियों का सामना करना पडे तो सभी नागरिकों को ‘रुको, सोचो और फिर कार्य करो’ के मंत्र का उपयोग करना चाहिए। यदि ऐसी कृति की जाती है तो नागरिकों को ‘डिजिटल सुरक्षा’ मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि साइबर संस्थाएं ऐसे साइबर संकटों से संरक्षण देने के लिए कार्यरत हैं, तथापि नागरिकों को ऐसे अपराधों से स्वयं को संरक्षित रखने हेतु जागरूकता की आवश्यकता है। कोई भी अन्वेषण संस्था दूरभाष या ‘वीडियो कॉल’ से ऐसी पूछताछ नहीं करती। यदि कोई आपसे इस प्रकार संपर्क करता है, तो कृपया सहायता के लिए त्वरित सहायता क्रमांक ‘१९३० ‘ पर संपर्क करें और अंतरजाल www.cybercrime.gov.in पर भी इसकी सूचना दें।