(जे.एन्.यू. अर्थात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय)
नई देहली – यहाँ के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में (‘जे.एन्.यू.’ में) ईरान, पैलेस्टाइन और लेबेनॉन देशों के राजदूतों के व्याख्यानों का आयोजन किया गया था । उनमें से पैलेस्टाइन और लेबेनॉन देशों के राजदूतों के व्याख्यान रहित किए गए हैं, तो ईरान के भारत में राजदूत डॉ. इराज इलाही का आयोजित व्याख्यान स्थगित किया गया है । ‘पश्चिम एशिया के मामलों के विषय में ईरान का क्या दृष्टिकोण है ?’ इस विषय पर डॉ. इराज विद्यार्थियों को मार्गदर्शन करने वाले थे ।
जे.एन्.यू. के पश्चिम एशिया अभ्यास केन्द्र की ओर से इन व्याख्यानों का आयोजन किया गया था । ‘ऐसे व्याख्यानों के कारण विद्यार्थियों में फूट पडकर आंदोलन होने की आशंका के कारण यह कार्यक्रम रहित किया गया’ ऐसा बताया गया है । इस विषय में जे.एन्.यू. ‘स्कूल ऑफ इंटरनॅशनल स्टडीज’ के अधीक्षक अमिताभ मट्टू ने कहा कि, हम ऐसे विश्व में रह रहे हैं, जिसमें भावनाएं आसानी से आहत हो सकती हैं।
JNU cancels three seminars by diplomats of Lebanon, Palestine and Iran
Basically, why were the seminars of these countries’ ambassadors organised ?
Currently two of these countries are at war and the third country is on the verge of war.
Why is it not realized that if such… pic.twitter.com/xDpIfy7KqX
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 26, 2024
पैलेस्टाइन के राजदूत अदनान अबू अल-हाइजा का ७ नवम्बर को और लेबेनॉन के राजदूत डॉ. राबी नार्श का १४ नवम्बर को व्याख्यान होने वाला था । ‘पैलेस्टाइन में होने वाले हिंसाचार’ और ‘लेबेनॉन की परिस्थिति’, ये उनके व्याख्यान के विषय थे ।
संपादकीय भूमिकामूल में इन देशों के राजदूतों के व्याख्यानों का आयोजन ही क्यूं किया गया था ? आजकल इनमें से २ देशों में युद्ध चल रहा है तथा तीसरा देश युद्ध की कगार पर है । ऐसों को भारत में सार्वजनिक व्यासपीठ उपलब्ध होने का अलग ही अर्थ वैश्विक मंच पर जाएगा, यह ध्यान में क्यूं नहीं आता ? |