Maharashtra Declares Gomata As ‘RajyaMata’ : महाराष्ट्र सरकार ने देशी गायों को दी ‘राज्य माता-गोमाता’ की मान्यता !

महाराष्ट्र सरकार ने देशी गायों को दी ‘राज्य माता-गोमाता’ की मान्यता ! – मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

मुंबई – महाराष्ट्र सरकार ने देशी गायों को ‘राज्य माता-गोमाता’ घोषित करने को स्वीकृति दे दी है। महाराष्ट्र सरकार ने ३० सितंबर को इस संबंध में सरकारी आदेश निर्गमित किया है ।

महाराष्ट्र सरकार ने देशी गायों को दी ‘राज्य माता-गोमाता’ की मान्यता ! – – उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

वैदिक काल से ही भारतीय संस्कृति में देशी गाय का धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक महत्व विचार में लेकर  मानव आहार में देशी गाय के दूध की उपयोगिता, आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार के साथ-साथ जैविक खेती में गाय के गोबर और गोमूत्र के महत्वपूर्ण स्थान को ध्यान में रखते हुए सरकार के आदेश में कहा गया है कि, देशी गायों को ‘राज्य माता-गोमाता’ घोषित किया गया है। प्राचीन काल से ही मनुष्य के दैनिक जीवन में गाय का बहुत महत्व रहा है। वैदिक काल से ही गाय के धार्मिक, वैज्ञानिक और आर्थिक महत्व को देखते हुए इसे ‘कामधेनु’ कहा जाता है।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में गायों की विभिन्न देशी प्रजातियां पाई जाती हैं। मराठवाडा में ‘देवनी’, ‘लालकंधारी’, पश्चिमी महाराष्ट्र में ‘खिल्लार’, उत्तरी महाराष्ट्र में ‘डांगी’ और विदर्भ में ‘गवळाऊ’ पार्इ   जाती  हैं। मानव आहार में देशी गाय के दूध का पौष्टिक महत्व है। इसीलिए गाय के दूध को ‘पूर्णान्न’ कहा जाता है; किन्तु दिन-प्रतिदिन देशी गायों की संख्या बहुत कम होती जा रही है। इसी के कारण शासकीय  आदेश में कहा गया है कि देशी गायों के पालन-पोषण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें ‘राज्य माता-गोमाता’ घोषित किया जाता है।

संपादकीय भूमिका

सरकार को गाय को ‘राज्य माता-गोमाता’ घोषित करते हुए गौ हत्या प्रतिबंधित करने के लिए कडे से कडे कदम उठाने चाहिए !