गोमांस का भोजन बनाने का विरोध करने पर मुसलमान परिवार ने की हिन्दू वृद्ध की हत्या !

  • बरेली (उत्तर प्रदेश) की घटना

  • मृत हिन्दू वृद्ध मुसलमानों के अत्याचारों के कारण कश्मीर के विस्थापित हुए हिन्दू

बरेली (उत्तर प्रदेश) – गोमांस की रसोई बनाने के गंध का कष्ट होनेवाले ७९ वर्ष आयु के वृद्ध हरबंस लाल ने विरोध किया । इस कारण पडोसी मुसलमान परिवार ने उनको पीटा । इसमें उनकी मृत्यु हो गई । यह घटना यहां की निलकंठ कॉलोनी में हुई है । विशेष बात यह है कि हरबंस लाल कश्मीरी हिन्दू है एवं वहां के अत्याचारों के कारण वे बरेली में निवास कर रहे थे । इस प्रकरण की जानकारी हिन्दू संगठनों को मिलते ही उन्होंने हरबंस लाल की मृतदेह रास्ते पर रखकर आंदोलन भी किया ।

हरबंस को गोमांस की गंध अच्छी नहीं लगती थी । इस कारण उन्होंने अपने घर में फाइबर शीट बिठाया था । इस कारण पडोसी सगीर अहमद ने उनसे विवाद किया । तदुपरांत सगीर, उसका बेटा इमरान एवं उसकी पत्नी ने हरबंस को पीटा । इसमें वे घायल हो गए तथा उन्हें चिकित्सालय में भर्ती किया गया । तभी डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित किया । पुलिस ने इस प्रकरण में अपराध पंजीकृत किया है, परंतु मुसलमान परिवार पलायन कर गया है ।

संकुल के ३२ में से केवल १ ही घर मुसलमान का !

केवल एक घर होने पर इतना कष्ट होता है एवं एक के १० बनने पर हिन्दुओं को पलायन करना पडता है, यह बात हिन्दू कब समझेंगे ?

हरबंस के बेटे हेमंत लाल ने कहा ‘सगीर के घर प्रतिदिन मांस की रसोई बनती थी तथा मेरे पिताजी को इसकी समस्या थी । जब सगीर को बताने पर भी अनसुनी कर दी, तब पिताजी ने फाइबर शीट लगवाने का निर्णय लिया; परंतु उसपर भी सगीर ने आपत्ति दर्शाई एवं मारपीट की । पूरे संकुल में हिन्दुओं के ३२ घर हैं, जबकि केवल १ घर मुसलमान का, अर्थात सगीर का है । अन्य कोई भी परिवार विवाद में नहीं उतरता था; क्योंकि सगीर अहमद निरंतर विवाद करता था ।

संपादकीय भूमिका 

  • कश्मीर ही नहीं, अपितु बरेली एवं देश के अन्य स्थान भी हिन्दुओं के लिए असुरक्षित बन गए हैं तथा अब हिन्दू जाए तो कहां जाएं ? यह स्थिति हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक !
  • यदि हिन्दू द्वारा भूलकर भी एकाध मुसलमान की मृत्यु हुई होती, तो देश के तथाकथित निधर्मीवादी, पुरो(अधो)गामी एवं सर्वधर्मसमभाव की चाटुकारी करनेवालों ने जमीन-आसमान एक किया होता; परंतु अब वे सभी शांत हैं !