अहिल्यानगर शहर की मोची गली में धर्मांधों द्वारा एक हिन्दू महिला के साथ निर्दयता से मारपीट तथा छेडछाड की गई !


अहिल्यानगर – ५ सितंबर को शहर के मोची गली में शकूर शेख नाम के एक व्यक्ति ने दोपहिया वाहन लगाने के साधारण कारण पर एक हिन्दू महिला के साथ तू-तड़ाक तथा जातिसूचक भाषा का प्रयोग करते हुए दुर्व्यवहार किया । झगड़े के समय शकूर का बेटा अजीज शेख उस महिला का वीडियो बना रहा था, जब महिला ने वीडियो का विरोध किया तो अजीज शेख ने कहा, ‘मैं वीडियो बनाकर वायरल कर दूंगा तथा तुम्हें बदनाम कर दूंगा ।’ इस बार अजीज ने महिला से छेड़छाड़ की । इसी समय शकूर शेख ने अपने भतीजे अकलाक शेख तथा अजीज शेख के साथ मिलकर महिला को धमकी देते हुए कहा, ‘हम अच्छी तरह जानते हैं कि तुम्हें कैसे बाहर निकालना है । तू कल से यहां कैसे आती है देखते हैं ? तेरा पत्ता काट देंगे ।’

जब वह गिर गई तो उसकी मां उसे उठाने के लिए बीच में आई तो दोनों ने उसके साथ भी गाली-गलौज तथा मारपीट की एवं महिला की सहेली को भी धमकी दी । इस प्रकरण में पीड़िता के पति ने कोतवाली थाने में शिकायत प्रविष्ट कराई है ।

पुलिस ने शकूर, अजीत शेख तथा अकलाक शेख के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनाया । उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है । शकूर ने मोची गली में सड़क पर अतिक्रमण कर दुकानें लगाई हैं, जबकि वह उसकी जगह नहीं है । उनमें से कुछ दुकानदारों से वह भाडा भी वसूलता है । धर्माधों की यह दादागिरी मोची गली में बढ़ती जा रही है और स्थानीय हिन्दू वहां अपनी दुकान तथा जगह होते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं ।

हिन्दू महिला की क्षात्रवृत्ति !

उपस्थित लोगों को तब आश्चर्य हुआ जब इस हिन्दू महिला ने, जो उस क्षेत्र के गुंडे थे, शकूर, अजीज तथा अखलाख के आतंक से भयभीत हुए बिना बहादुरी से अपनी तथा अपनी मां की रक्षा की तथा आत्मरक्षा में शकूर के कान के नीचे लगाया ।

थाने में स्वयं से आए उपरोक्त तीन गुंडों में से एक ने थाने में महिला को क्रोध से देखते हुए उसपर मानसिक दबाव बनाने का प्रयास किया । जब पुलिस महिला को वापस घटनास्थल पर ले गई, तो भीड़ में से एक धर्मांध जानकारी देती महिला का वीडियो बना रहा था । तब उसने सजगता से यह बात पुलिस के ध्यान में लाकर दी तो पुलिस ने उस धर्मांध से भ्रमणभाष ले लिया तथा वीडियो डिलीट कर दिया ।

संपादकीय भूमिका 

धर्मांधों को ऐसा करने की हिम्मत न हो इसके लिए हिन्दुओं को संगठित होना होगा ! सरकार के लिए भी यह उतना ही आवश्यक है कि धर्मांधों के बढते अत्याचारों को रोकने के लिए उन्हें कड़ी सजा दी जाए !