वैश्विक तापमान में बढोतरी अथवा हिमालय क्षेत्र में बढे विकास कार्यों के कारण ऐसा होने का दावा !
देहरादून (उत्तराखंड) – राज्य में पिथौरागढ की धारचुला तहसील में स्थित व्यास खाडी में ओम पर्वत खडा है । ५ सहस्र ९०० मीटर ऊंचे इस पर्वत की विशेषता यह है कि, इस पर्वत पर ‘ओम’ अक्षर की आकृति दिखती है । पिछले सहस्रों वर्षों से यह पर्वत अस्तित्व में है, ऐसा माना जाता है । सफेद बर्फ से आच्छादित पर्वत का यह ओम चिन्ह करोड़ों हिन्दुओं की श्रद्धा का विषय होगा, तो भी इस बार वैश्विक तापमान में बढत होने से इस पर्वत की बर्फ अधिक मात्रा में पिघलने से ‘ओम आकृति’ विलुप्त हुई है ।
१. पर्यावरणवादी और स्थानीय लोगों का कहना है कि, यह प्राकृतिक कारणों से हुआ है । हिमालय के क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों के कारण यह हुआ, ऐसा अन्य कुछ लोगों का मानना है ।
२. इस प्रकरण की जांच करने की मांग श्रद्धालुओं ने की है । सरकार ने इस घटना की जांच आरंभ की है । पर्वत पर पुनः ‘ओम’ कैसे वापस आएगा, इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं ।
३. लोगों को आशा है कि, नए मौसम में पुन: बर्फ गिरकर ‘ओम’ चिन्ह बनेगा ।
४. कैलाश मानसरोवर की यात्रा के समय नाभिढांग से यह पर्वत भक्तों को अपने दर्शन देता है ।
संपादकीय भूमिकादोनों ही दावों में तथ्य हो सकता है । अर्थात दोनों दावों से मानवीय हस्तक्षेप का कारण ही सामने आता है । संक्षेप में वैज्ञानिक विकास के कारण हिन्दू धर्म की तथा मानव की हानि कैसे हो रही है, इसका यह और एक उदाहरण ! |