Kolkata : कोलकाता शहर की स्थिति ढाका से भी भयप्रद !

कोलकाता (बंगाल) – ९ अगस्त को यहां के राधा गोविंद (आर्.जी.) कर चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल में एक ३१ वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी अमानवीय हत्या की गई । इस घटना से कोलकाता की कानून-सुव्यस्था की दु:स्थिति फिर से एक बार सामने आई है । इस घटना के विरुद्ध पूरे देश के सहस्रो डॉक्टर रास्ते पर उतर आए हैं । वैसे देखा जाए, तो हिन्दुओं की दृष्टि से बंगाल की राजधानी कोलकाता शहर की स्थिति इस्लामी बांग्ला देश की राजधानी ढाका से भी अधिक भयाप्रद है । ढाका में हिन्दुविरोधी घटना घटने पर प्रसारमाध्यम उसे उजागर तो कर सकते हैं । कोलकाता शहर में ऐसा कुछ हुआ, तो कई बार ऐसी घटनाएं प्रसारमाध्यमों तक पहुंचती ही नहीं है । इस संदर्भ में ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि को कोलकाता तथा ढाका के कुछ हिन्दू नेताओं ने जानकारी दी । इस दु:स्थिति का ब्यौरा लेते-लेते पीछे ४० वर्षों की कुछ भयावह घटनाएं सामने आई ।

कोलकाता की कुछ भीषण घटनाएं !

१. मार्च १९८४ : हिन्दू पुलिस उपायुक्त विनोद कुमार मेहता के किए गए टुकडे-टुकडे !

कोलकाता शहर के हिन्दू पुलिस उपायुक्त विनोद कुमार मेहता की शहर के ‘गार्डन रीच’ नामक मुसलमान बहुसंख्यक परिसर में निर्घृण हत्या की गई । उनकी मृतदेह के ‘खीमे’ जैसे अत्यंत छोटे टुकडे किए गए । मेहता अपर्याप्त पुलिस बल लेकर इस परिसर के अवैध कृत्यों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए गए थे । उस समय उनकी हत्या की गई । लगभग एक महीने के उपरांत वहां पर उत्तराखंड के आर्.के. हांडा नामक अधिकारी को नियुक्त किया गया । ‘हांडा की डंडी’ इस नाम से विख्यात हांडा की ‘गार्डन रीच’ परिसर के अवैध धंधों पर कार्यवाही करने की मंशा थी । उन्होंने कहा था कि मेरे सहयोगी पुलिस अधिकारी और कनिष्ठ अधिकारियों की मैं साथ चाहता था; परंतु वैसा होने नहीं दिया ।

२. मई १९९० : बांटोला सामूहिक बलात्कार प्रकरण !

बंगाल सरकार की एक महिला अधिकारी अनिता दिवाण के साथ तत्कालीन सत्तासीन माकपा के कुछ गुंडोंने बलात्कार कर उसकी हत्या की थी । उनके साथ अन्य दो महिला अधिकारियों पर भी  अत्याचार किए गए थे; परंतु वे बच गई । अनिता दिवाण का पोस्टमार्टम करते समय एक महिला डॉक्टर अचेत हुई । अनिता के गुप्तांग में एक फूट लंबी धातु की टॉर्च डाली गई थी । संयुक्त राष्ट्रों द्वारा बंगाल के कुछ गांवों के लिए वित्तिय सहायता भेजी गई थी । माकपा की सत्ता में रहे इन गांवों की पंचायतों ने इसमें बडा भ्रष्टाचार किया था । अनिता को इसका पता चला था । इनमें से किसी एक गांव से सभी प्रमाण प्राप्त कर वे कोलकाता लौट रही थी, तभी माकपा के गुंडों ने उनपर आक्रमण किया । इस पूरी घटना पर मार्च २०२४ में ‘द रेड फाईल्स’ नामक बंगाली चलचित्र प्रदर्शित किया गया है ।

३. नवंबर २००७ : तस्लिमा नसरीन को हकालने के लिए मुसलमानों द्वारा हिंसाचार !

बांग्ला देश की हिन्दू महिलाओं की दु:स्थिति पर प्रकाश डालनेवाली ‘लज्जा’ नामक पुस्तक लिखनेवाली बांग्ला देशी लेखिका तस्लिमा नसरीन कोलकाता शहर में शरणार्थी थी । कुछ मौलानाओं ने नसरीन के विरुद्ध फतवा निकाला था । नवंबर २००७ में मध्य कोलकाता में ‘ऑल इंडिया मायनॉरिटी फोरम्’ के नेतृत्व में सहस्रो मुसलमान रास्ते पर उतर आए । उन्हों ने वहां के रास्ते रोक लिए । इस समय हुए हिंसाचार में ३५ पुलिकर्मी घायल हुए । साथही अन्य कुछ लोग भी गंभीर रुप से घायल हुए ।  माकपा के दो कार्यालयों को भी हानि पहुंचाई गई । इस हिंसाचार के कारण तस्लिमा नसरीन को सुरक्षित रुप से राजस्थान में पहुंचाया गया ।

४. फरवरी २००९ : इस्लाम के विरुद्ध कथित आपत्तिजनक लेख लिखने के कारण को लेकर अंग्रेजी दैनिक ‘स्टेट्समन’ के कार्यालय को किया गया क्षतिग्रस्त !

ब्रिटन का  दैनिक ‘दी इंडिपेंडेंट’ ने इस्लाम पर लेख लिखा था । वही लेख भारत के एक पुराने दैनिक ‘द स्टेट्समन’ ने प्रकाशित किया । इस कारण को लेकर कोलकाता के सहस्रो धर्मांध मुसलमान रास्तेपर उतर आए । उन्होंने इस दैनिक के कार्यालय को घेरा और उसे क्षतिग्रस्त किया । पुलिस को दैनिक के संपादक और प्रकाशक को बंदी बनाने के लिए बाध्य किया गया और साथही दैनिक को भी क्षमायाचना के लिए विवश किया गया ।

५. फरवरी २०१२ : पार्क स्ट्रीट बलात्कार प्रकरण !

शहर के पार्क स्ट्रीट परिसर की यह घटना । भारत से नागरिकता प्राप्त दो बच्चों की मां सुजेत जॉर्डन नामक ३७ वर्षीय महिला के साथ यहां सामूहिक बलात्कार हुआ । इसका मुख्य आरोपी कादर खान उस समय नुसरत जहां नामक अभिनेत्री का प्रियकर था । वर्ष २०२० में नुसरत जहां बसीरहाट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनी ।

६. फरवरी २०१३ : तापस चौधरी नामक हिन्दू पुलिस उपनिरीक्षक की तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता द्वारा हत्या !

कोलकाता के हरिमोहन घोष महाविद्यालय के प्रवेशद्वार के बाहर छात्र संगठनों द्वारा छात्रों के चुनाव की पृष्ठभूमि पर हिंसाचार हो रहा था । उसे रोकने के लिए तापस चौधरी नामक पुलिस उपनिरीक्षक ने बलप्रयोग किया । वहां उपस्थित सैंकडो अन्य पुलिसकर्मियों ने दर्शक की भूमिका अपनाई । ऐसे में ही सुवान नामक तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने चौधरी पर गोलियां चलाकर उनकी हत्या की । सुवान यहां के तृणमूल कांग्रेस नेता महंमद इक्बाल का अंगरक्षक भी था । यह महाविद्यालय भी ‘गार्डन रीच’, इस मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्र में है ।

संपादकीय भूमिका 

  • यह स्थिति बंगाल की राजधानी अकेले कोलकाता की है । पूरे बंगाल में कैसी स्थिति होगी, यह बात इससे ध्यान में आती है !
  • हिन्दुओं की रक्षा के लिए केंद्र सरकार बंगाल में राष्ट्रपती शासन क्यों नहीं लाती ? राष्ट्रपती शासन लागू करने के लिए और कितनी ऐसी घटनाओं की प्रतीक्षा सरकार करनेवाली है ?,  ऐसा प्रश्न अब उत्पन्न हुआ है !
  • हिन्दुओं की रक्षा के लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना, यही एकमात्र विकल्प है, यह बात अब तो हिन्दुओं को समझनी चाहिए और उसके लिए उन्हें प्रयत्न करने चाहिए !