मलबे में 400 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका
वायनाड (केरल) – 30 जुलाई को हुई भारी वर्षा के कारण 4 अलग-अलग स्थानों पर हुए भूस्खलन में 89 लोग मारे गए तथा 116 आहत हो गए। 400 लोग अभी भी लापता है। इन सभी लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), अग्निशमन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन की ओर से सहायता अभियान जारी है, जबकि सेना को बुलाया गया है। 2 हेलिकॉप्टर वायुसेना का साथ दे रहे है। सहायता के लिए नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किये गये हैं।
1. वायनाड के 4 गांवों मुंडक्कई, चुरमाला, अट्टमाला और नुलपुझा में भूस्खलन हुआ। साल 2019 में इसी गांव में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ था, जिसमें 17 लोगों की मृत्य हो गई थी, जबकि 5 लोगों का पता नहीं चल पाया था।
2. वायनाड का मुंडक्कई गांव भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मलबे में 250 से ज्यादा लोगों के फंसे होने का समाचार है। यहां कई घर बह गए है। यहां 65 परिवार रहते थे। पास के चाय बागान के 35 कर्मचारी भी नही मिले है।
3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना के बारे में ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा है, ”मैं भूस्खलन की घटना से व्यथित हूं। हम उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। हम घायलों के लिए प्रार्थना करते हैं। केंद्र की ओर से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।