परभणी (महाराष्ट्र) – विशाळगढ पर स्थित अतिक्रमण हटाने के सूत्र को लेकर भूतपूर्व सांसद संभाजीराजे के नेतृत्व में हिन्दुओं ने आंदोलन किया था । इसलिए वहां स्थित अतिक्रमण सरकार द्वारा हटाना अनिवार्य हो गया । उसे भी तदुपरांत न्यायालय ने स्थगित कर दिया । विशाळगढ में कथित आक्रमण के कारण से परभणी में धर्मांधों ने मोर्चा निकाला ।
Vishalgadh land encroachment case.
Mu$|!m fanatics march in Parbhani, in protest against alleged violence in Vishalgadh.
👉 An alleged attack against Mu$|!ms in one corner of the country, unite their politicians and public to slam the attack across the Nation.
👉How many… pic.twitter.com/MQeJQxF2kG
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 23, 2024
विशाळगढ पर धर्मांधों द्वारा निर्मित अतिक्रमण हटाने के विषय में हिन्दुत्वनिष्ठ पिछले अनेक वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं । भूतपूर्व सांसद छत्रपति संभाजीराजे ने घोषित करते हुए कहा था, ‘विशाळगढ पर स्थित अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार कोई भी ठोस कृत्य नहीं करती । इस कारण १४ जुलाई को गढ पर जाऊंगा’ । तदनुसार वे १४ जुलाई को सवेरे ९ बजे गढ पर जाने के लिए रवाना हुए । वे गढ पर पहुंचने से पूर्व ही सवेरे लगभग ११ बजे विशाळगढ के घरों पर कुछ अज्ञात युवकों द्वारा बडी मात्रा में पथराव किया गया । इसमें कुछ घरों के शीशे फुट गए, जबकि कुछ दुकानों पर पथराव भी किया गया, साथ ही दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों की भी तोडफोड की गई । तदुपरांत इस घटना को लेकर निधर्मीवादी दल एवं संगठनों ने बडी मात्रा में इसकी पूंजी बनाकर एवं अनधिकृत निर्माणकार्य की अनदेखी कर हिन्दुओं को दोषी प्रमाणित करने का प्रयास किया था ।
संपादकीय भूमिकाएक स्थान पर धर्मबांधवों पर कथित आक्रमण होते ही दूसरे स्थान के धर्मांध तुरंत उनका समर्थन करने हेतु मोर्चा आदि निकालते हैं ! कितने हिन्दू अपने धर्मबांधवों पर हुए प्रहारों के विरुद्ध संगठित होते हैं ? |