मुस्लिमों का आर्थिक बहिष्कार करने का प्रयास कहते हुए विपक्ष दलों द्वारा विरोध
मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) – सरकार द्वारा दिए हुए आदेश के उपरांत मुजफ्फरनगर जिले के सभी दुकानदार, ढाबे, साथ ही फल-विक्रय करनेवालों ने अपनी दुकान एवं लौरियों पर अपने नाम लिखना आरंभ किया है । आगामी २२ जुलाई से कावड यात्रा का आरंभ होगा । इस पृष्ठभूमि पर प्रशासन द्वारा आदेश दिया गया है । सरकार का कहना है कि यात्रियों में संभावित भ्रम ,साथ ही कानून एवं सुव्यवस्था की संभावित समस्याएं टालने हेतु यह कदम उठाया गया है । कुछ दिन पूर्व ही मुजफ्फरनगर के विधायक एवं राज्य के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जिला स्तरीय बैठक में कहा था, ‘किसी भी प्रकार का विवाद टालने हेतु मुस्लिम अपने दुकानों के नाम हिन्दू देवी-देवताओं के न रखें’ । तदुपरांत प्रशासन ने उपर्युक्त आदेश दिया ।
Uttar Pradesh State Government orders shop owners to display their names on shops along the Kanwar Yatra route in Muzaffarnagar (Uttar Pradesh).
Opposition parties protest, claiming this is an attempt to impose an economic boycott on Mu$l!ms.
In fact, a law should be enacted… pic.twitter.com/F19wkJAavx
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 18, 2024
१. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने कहा, ‘कावड यात्रा की तैयारी जारी है । जिले के कावड यात्रा के मार्गों की कुल लंबाई अनुमान से २४० किलोमीटर है । इन मार्गों पर रहे सभी भोजनालयों में मालिक अथवा कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करना आवश्यक है । यह आदेश होटल, ढाबा अथवा लौरी के लिए प्रसारित किया गया है । यहीं से कावडयात्री खाद्यपदार्थ क्रय करते हैं ।”
Why don’t you speak a word against the imposition of #Halal products on non-Muslims?
Hypocrite to the core! https://t.co/C1kurAz0AU
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 18, 2024
२. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कावड यात्रा की तैयारी का ब्यौरा लिया । उन्होंने सार्वजनिक निर्माणकार्य, सिंचाई एवं नगरविकास विभाग को आदेश देते हुए कहा, ‘यात्रा के मार्गों का शेष काम आगामी ७२ घंटों में पूर्ण करना होगा ।’ उन्होंने आगे कहा, ‘संपूर्ण कावड यात्रा मार्गों की स्वच्छता की जाए’ । यह क्रम पूरा माह चालू रखने की सूचना दी है । साथ ही मार्गों पर रोषनाई की व्यवस्था करने को भी कहा गया है ।
क्या है कावड यात्रा ?
सावन माह में उत्तर प्रदेश, देहली, हरियाणा एवं राजस्थान, इन राज्यों से लाखों भाविक उत्तरा खंड के हरिद्वार का गंगा नदी का पवित्र जल लेकर पैदल चलते हुए अपने जिलों में जाते हैं । वहां स्थानीय मंदिरों में इस जल द्वारा अभिषेक करते हैं । जल ले जाने हेतु वे कावड का उपयोग करते हैं । इसलिए इसे कावड यात्रा कहा जाता है ।
विपक्ष दलों द्वारा आलोचना
(और इनकी सुनिए…) ‘इस आदेश को न्यायालय स्वयं नोट करें !’ – अखिलेश यादव
१. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं सांसद अखिलेश यादव ने पोस्ट पर कहा है, ‘इस प्रकरण में न्यायालय को स्वयं नोट कर प्रशासन के हेतु की जांच कर उचित दंडात्मक कार्यवाही करनी चाहिए ।
मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आख़िरकार होटल, फल, ठेलोंवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो अपनी पीठ थपथपायी है, उतने से ही अमन-औ-चैन पसंद करनेवाली जनता माननेवाली नहीं है। ऐसे आदेश पूरी तरह से ख़ारिज होने…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024
सामाजिक सुलह एवं शांति बिगाडने को कारणीभूत यह आदेश देना, यह सामाजिक अपराध है ।’ (मुस्लिमों द्वारा मस्जिद के स्थान पर हिन्दुओं की धार्मिक शोभायात्रा पहुंचने पर आक्रमण किए जाते हैं, तब सुलह का वातावरण नहीं बिगडता क्या ? तब अखिलेश यादव कौन से बिल में छुप जाते हैं ? – संपादक)
२. विख्यात गीतकार जावेद अख्तर ने पोस्ट पर कहा,
Muzaffarnagar UP police has given instructions that on the route of a particular religious procession in near future all the shops restaurants n even vehicles should show the name of the owner prominently and clearly . Why ? . In Nazi Germany they used to make only a mark on…
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) July 18, 2024
‘नाजी (जर्मन में हिटलर का प्रशासन) प्रशासन में दुकानों पर फलक लगाए गए थे।” (नाजियों ने करोडों ज्यू लोगों को गैस चेंबर में डालकर मार डाला था । इसके विपरित भारत में धर्मांध मुसलमान हिन्दुओं को मार डालते हैं । इस कारण जावेद अख्तर जानबूझकर हिन्दुओं को ‘नाजी’ प्रमाणित कर धर्मांध मुस्लिमों का समर्थन कर रहे हैं, यह ध्यान में रखें ! – संपादक)
३. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस एवं एम्.आइ.एम्. दलों ने इस आदेश का विरोध किया है ।
बैरिस्टर @asadowaisi ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों के गुज़रने वाले रास्ते पर हर खाने-पीने की दुकान या ठेले वाले को अपना नाम का बोर्ड लगाने के आदेश के ख़िलाफ़, असम के मुख्यमंत्री @himantabiswa का मुसलमानों के बारे में अपमानजनक बयान के ख़िलाफ़ और रूस में फंसे भारतीय नागरिकों की… pic.twitter.com/d3yJAR2cdU
— AIMIM (@aimim_national) July 18, 2024
एम्.आइ.एम्. के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस सरकारी आदेश को दक्षिण अफ्रीका का वर्णभेद बताया है । (कश्मीर में वहां के मुस्लिमों ने हिन्दुओं को पलायन करने के लिए बाध्य किया था । क्या इस विषय में ओवैसी कभी बोलेंगे ? यह कौन सा द्वेष है , इस संदर्भ में वे कभी भी नहीं बोलते, यह ध्यान में रखें ! – संपादक)
४. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने इस आदेश को संविधान के विरुद्ध बताया है । (बंगाल में प्रतिदिन जो कुछ हो रहा है, वह सब कुछ संविधान के अनुसार हो रहा है, क्या ऐसा मोइत्रा को कहना है ? – संपादक)
What next? Muslims to wear equivalent of Star of David on their sleeve to mark themselves? The next time kanwars or their families need a doctor or blood find another kanwar to treat them. @Uppolice @CMOfficeUP this is blatantly illegal & anti-constitutional. https://t.co/iDsD9TsjP5
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 17, 2024
संपादकीय भूमिका
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