हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु त्याग करने के लिए तैयार हों ! – प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजा सिंह लोध, तेलंगाना

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव का छठा दिन (२९ जून)

 विधायक टी. राजा सिंह लोध

रामनाथी (गोवा), २९ जून (वार्ता.) – अनेक लोगों ने प्राणों का त्याग किया, तब जाकर भारत को स्वतंत्रता मिली । गुरु गोविंदसिंह ने अपने पुत्रों सहित बलिदान दिया । छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, वीर सावरकर सहित अनेक क्रांतिकारियों ने राष्ट्र और धर्म के लिए त्याग किया । देश के लिए बलिदान देनेवालों का सदैव स्मरण करेंगे । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए भी हर तरीके से प्रयत्न करना होगा । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए त्याग करने के लिए तैयार हों, ऐसा आवाहन भाजपा के प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजा सिंह लोध ने किया ।

विधायक टी. राजा सिंह लोध द्वारा प्रस्तुत जाज्वल्य विचार

१. मैं राजनीति में सत्ता के लिए नहीं आया, अपितु रामराज्य की स्थापना करने के लिए आया हूं । अनेक लोकप्रतिनिधि चुनकर आने से पहले हिन्दुत्वनिष्ठ होने का नाटक करते हैं । सत्ता प्राप्त होेे जाने पर धर्मनिरपेक्ष बन जाते हैं ।

२. हाल ही में बकरी ईद के दिन गायों की रक्षा करने के लिए एक भी लोेेकप्रतिनिधि रास्ते पर नहीं उतरा । हम रातभर गायों की रक्षा के लिए कार्यरत थे । इसलिए तेलंगाना में गाय काटनेवालों को १०० बार विचार करना पडता है ।

३. स्वतंत्रताप्राप्ति से ही भारत का इस्लामीकरण करने का षड्यंत्र शुरू है । वर्तमान में प्रशासन के बडे अधिकारी हिन्दुत्व के विरुद्ध हैं । हिन्दुत्वनिष्ठ युवकों को उच्च पद तक पहुंचाएं, जिससे वे हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए योगदान दे सकें ।

४. जब तक देश में धर्मनिरपेक्ष नेता हैं, तब तक भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं किया जा सकता । लगभग ५० हिन्दुत्वनिष्ठ सांसद चुनकर लाना आवश्यक है, जो संसद में हिन्दू राष्ट्र की मांग करेंगे ।

५. आनेवाला काल कठिन है । धर्मकार्य करना है, तो निर्भय होना होगा । केवल बातों से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना नहीं होगी । उसके लिए लडना ही होगा ।

हिन्दुत्व के लिए संघर्ष करनेवालों का अभिनंदन ! – विधायक टी. राजा सिंह लोध

डॉ. दाभोलकर की हत्या के लिए पुलिस ने हिन्दुत्वनिष्ठों को बंदी बनाया । डॉ. वीरेंद्र तावडे, अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर, श्री. विक्रम भावे को कारागृह में जाना पडा । उन्हें निर्दाेष मुक्त कर दिया है; परंतु अब भी सचिन अंदुरे और शरद कळसकर को दंड हुआ है । हिन्दू संगठित नहीं हैं, इसलिए हिन्दुत्वनिष्ठों पर ऐसा समय आ गया है । जिन अधिवक्ताओं ने हिन्दुत्वनिष्ठों को छुडाने में न्यायालयीन संघर्ष किया, उनका मैं अभिनंदन करता हूं । उन्होंने हिन्दुत्व के लिए संघर्ष किया ।

हम भगवान और सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के आशीर्वाद के कारण धर्मकार्य कर सकते हैं !

प्रत्येक राज्य में हिन्दुओं का संगठन बनाना आवश्यक है, जिससे सरकार पर दबाव निर्माण होगा । तेलंगाना में मैं अकेले ही हिन्दुत्व के लिए कार्य कर रहा हूं । वहां सहायता के लिए कोई नहीं; परंतु मुख्यमंत्री को भी सोचना पडता है कि ‘हम कब क्या करेंगे ?’, कारण यह कि भगवान एवं सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के आशीर्वाद और हिन्दुत्वनिष्ठों की सहायता के कारण ही मैं यह कार्य कर पा रहा हूं ।

 … आगामी काल में संकटों का सामना करना ही होगा !

आगामी काल संकटाें का है; परंतु साधना से इस वातावरण को बदला जा सकता है । अखंड हिन्दू राष्ट्र के लिए साधना करना आवश्यक है । हिन्दुओं का संगठन बनाने के लिए भी साधना ही आवश्यक है । यदि अभी भूल की, तो आनेवाले काल में बडे संकट का सामना करना होगा ।

भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाए बिना नहीं रुकेंगे !

लोकप्रतिनिधि अपने बच्चों को हिन्दुत्व नहीं सिखाते । मेरे ३ लडके हैं । धर्मकार्य के लिए एक हुतात्मा हो गया, तब भी अन्य २ पुत्र धर्म के लिए तैयार हैं । जब तक भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं बनाते, तब तक मैं रुकूंगा नहीं । भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए हिन्दुओं को त्याग करने की आवश्यकता है । साधना के बल पर ही भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर सकते हैं ।