वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव का छठा दिन (२९ जून) – सत्र : हिन्दू राष्ट्र निर्माण में अधिवक्ताओं का योगदान
विद्याधिराज सभागृह – श्री तुलजाभवानी मंदिर में ८ करोड ४५ लाख ९७ हजार रुपए का दान-पेटी घोटाला हुआ था । इस घोटाले की जांच बंद करने का सरकार के आदेश को मुंबई उच्च न्यायालय के छत्रपति संभाजीनगर खंडपीठ ने रद्द कर दिया । इसी के साथ पूर्व की जांच समिति द्वारा दोषी पाए गए नीलामीकर्ता, मंदिर कर्मचारी, न्यासी, सरकारी अधिकारी-कर्मचारी आदि १६ दोषियों पर तुलजापुर पुलिस थाने में आपराधिक (फौजदारी) अपराध प्रविष्ट करने का आदेश न्यायालय ने दिया है । परंतु, न्यायालय के इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया । इन सभी दोषियों से इस घोटाले की धनराशि वसूल की जाए, यह मांग मुंबई उच्च न्यायालय के अधिवक्ता पूज्य सुरेश कुलकर्णी ने की । वे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के छठे दिन के सत्र में ‘तुलजापुर घोटाला प्रकरण में न्यायालयीन संघर्ष’, इस विषय पर बोल रहे थे ।
उन्होंने आगे कहा, ‘हिन्दू जनजागृति समिति ने श्री तुलजाभवानी मंदिर की दानपेटी घोटाले का विषय कसकर पकड रखा है । समिति की ओर से श्री तुलजाभवानी देवस्थान मंडल के विरुद्ध उच्च न्यायालय में एक आपराधिक जनहित याचिका डाली गई थी । इस याचिका की सुनवाई के उपरांत न्यायालय ने दोषियों पर अपराध पंजीकृत करने का आदेश दिया था । दुर्भाग्य से उसकी कार्यवाही नहीं हुई । इसलिए, इन भ्रष्ट अधिकारियों को जबतक दंड नहीं मिलता, हम इस प्रकरण में लगातार प्रयास जारी रखेंगे । साथ ही, सब मंदिर भक्तों के नियंत्रण में हों, इसके लिए सरकारीकरण हुए भ्रष्ट मंदिर प्रशासन के विरुद्ध संघर्ष जारी रखना पडेगा । हम सभी अधिवक्ता, धर्माभिमानी, श्रद्धालु-भक्त मिलकर यह संघर्ष अधिक व्यापक करने का संकल्प लेंगे ।’
‘हेट स्पीच’ के नाम पर हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं का दमन
१. घृणित वक्तव्य (हेट स्पीच) के विषय पर बोलते समय पू. (अधिवक्ता) कुलकर्णी ने कहा, ‘घृणित वक्तव्य देने से कानून एवं सुव्यवस्था संकट में पडती है । यह कारण बताकर प्रशासन हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं का दमन करता है । महाराष्ट्र के चोपडा शहर में तेलंगाना के हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक राजा सिंह की सभा आयोजित थी । इसके लिए कार्यकर्ता १ माह से तैयारी कर रहे थे । परंतु, प्रशासन ने सभा से एक दिन पहले दी हुई अनुमति रद्द कर दी । तब इस प्रकरण में उच्च न्यायालय के संभाजीनगर खंडपीठ में याचिका डाली गई । उसपर सुनवाई कर न्यायालय ने सभा की अनुमति रद्द करने के आदेश को ही निरस्त कर दिया । पश्चात, प्रशासन ने आयोजित सभा के २४ घंटे पहले सभा करने की अनुमति दे दी ।
२. मीरा भाईंदर में भी हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक श्री राजा सिंह की सभा को दंगा होने की आशंका बताकर अनुमति नहीं दी गई । तब उसके लिए भी न्यायालय जाना पडा । पश्चात, न्यायालय के आदेश से इस सभा को भी अनुमति मिली ।