मुंबई, ९ जून (समाचार) – फर्जी क्रिडा प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सरकारी नौकरी में शामिल हुए ९३ खिलाडी राज्य के १५ से अधिक सरकारी विभागों में अभी भी कार्यरत हैं । महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण में इस संबंध में सरकार द्वारा अभियोग चलाए जाते हैं; परंतु धीमी गति से चल रही इस प्रक्रिया में इनमें से कुछ खिलाड़ियों की अधिकारी पद तक उन्नति हुई है । अभियोगों को हो रही देरी के कारण उनमें से अनुचित खिलाडी सरकारी नौकरी के लाभ ले रहे है ।
१. फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सरकारी नौकरी प्राप्त करनेवालों की संख्या अनुमान से ११७ है। उनमें से २० लोगों को अपदस्थ किया गया है । विशेष बात यह है कि राज्य के गृह विभाग जैसे संवेदनशील विभाग भी ऐसे लोगों से भरे हुए है।
२. राज्य के भिन्न भिन्न प्रशिक्षण संगठनों द्वारा भी फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए गए थे । जिले में तैयार किए गए इन प्रमाणपत्रों की क्रिडा आयुक्तों द्वारा पुनर्जांच करने की कार्यपद्धति न होने के कारण राज्य में बडी मात्रा में फर्जी क्रिडा प्रमाणपत्र बांटे गए हैं ।
३. यह प्रकरण ध्यान में आते ही सरकार ने उसके विरुद्ध महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण में अभियोग प्रविष्ट किए हैं । तथापि अनेक वर्षों से इन अभियोगों का निर्णय भी नहीं आया है ।
प्रमाणपत्रों की जांच करनेवाली ‘एप’ का काम अनेक वर्षों से जारी है !
फर्जी क्रिडा प्रमाणपत्रों पर रोक लगे, इसलिए राज्य सरकार द्वारा प्रमाणपत्रों की जांच करनेवाला ‘एप’ निर्माण किया जाएगा; परंतु अभीतक इस ‘एप’ का आरंभ नहीं हो सका है । इस विषय में क्रिडा विभाग के अधिकारियों से पूछताछ करने पर उन्होंने ‘यह ‘एप’ तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है’, ऐसा टालमटोल उत्तर दिया है ।
संपादकीय भूमिकायह सरकारी तंत्रों के लिए लज्जाजनक ! ‘अंधा पीसता है तथा कुत्ता आटा खाता है’, ऐसी वृत्ति की सरकार इस के लिए उत्तरदायी है ! सरकार को संबंधित उत्तरदायियों को हमेशा के लिए कारागृह में बंद कर देना चाहिए ! |