चीन चाहता है कि पडोसी देश समृद्ध हों !
चीन ने श्रीलंका को सहस्रों करोड रुपयों का ऋण देकर उसके साथ विश्वासघात किया । जिसके फलस्वरूप आर्थिक दृष्टि से उसकी कमर ही टूट गई । ध्यान दें कि जब नेपाल एवं पाकिस्तान उसी आर्थिक सर्वनाश के मार्ग पर हैं, तब इस प्रकार के तर्कहीन तथा अपरिपक्व वक्तव्य गांधी एवं उनकी कांग्रेस दोनों को इतिहास में विलुप्त करने लिए पर्याप्त हैं !