जिहादी आतंकवादी बिट्टा कराटे की पत्नी सहित ४ लोग कश्मीर की सरकारी नौकरी से निकाले गए
आतंकवादियों के समर्थ के तौर पर ४ लोगों के इतने वर्ष सरकारी नौकरी में थे तो गुप्तचर संस्थाओं को इसका ठिकाना कैसे नहीं मिला ?
आतंकवादियों के समर्थ के तौर पर ४ लोगों के इतने वर्ष सरकारी नौकरी में थे तो गुप्तचर संस्थाओं को इसका ठिकाना कैसे नहीं मिला ?
धारा ३७० निरस्त हुई तभी से क्रोधित जिहादी आतंकवादियों को पाठ पढाने के लिए, उनको बंदी बनाने के साथ उनके निर्माता पाकिस्तान को नष्ट करें, अन्यथा ऐसी घटनाएं रोक पाना असंभव है !
सरकार द्वारा कश्मीर में जिहादी आतंकवाद नष्ट कर हिन्दुओं के लिए भयमुक्त एवं सुरक्षित वातावरण निर्माण करने पर हिन्दुओं को ऐसे आंदोलन नहीं करने पडेंगे ! सरकार को उसके लिए कदम उठाने चाहिए !
पाकव्याप्त जम्मू कश्मीर में लोग आतंकवाद एवं अलगाववाद की बलि चढ रहे हैं । उन्हें न्याय मिलना चाहिए । वे आज भारत की ओर आशाभरी दृष्टि से देख रहे हैं ।
स्वतंत्रता के ७४ वर्ष बाद भी प्रतिवर्ष हिन्दू तीर्थयात्रियों को आतंकवादी इसलिए लक्ष्य बनाते हैं, क्योंकि वर्तमान शासकों ने आतंकवादियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई नहीं की है ! ये स्थिति अभी तक के सभी शासनकर्ताओं के लिए लज्जाजनक !
कश्मीर में १९९० से केवल हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर उन्हें मार डाला जा रहा है और उन्हें भागने के लिए विवश किया जा रहा है, यह जिहाद नहीं है तो क्या है ?
सरकार ने इसमें नया क्या कहा ? यह बात १९९० से पूरा विश्व जानता है । इसपर सरकार क्या करेगी और कैसे हिन्दुओं की रक्षा करेगी? यह बताएं !
यदि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हिन्दुओं के वंशविच्छेद के पाकिस्तानी प्रयास को विफल कर दिया होता तो, आज आतंकवादियों का हिन्दुओं को वक्र दृष्टि से देखने का साहस ही नहीं होता ।
वर्ष २०१६-१७ में जिस प्रकार जिहादी आतंकवादी सूची बनाकर पुलिसकर्मियों को मार रहे थे, उसी प्रकार अब उनके द्वारा हिन्दू सरकारी कर्मचारियों की सूची बनाकर उन्हें लक्ष्य करने की संभावना है ।