जम्मू में ९० दिनों से हो रहे आंदोलन को सरकार द्वारा प्रतिसाद नहीं !
जम्मू – ‘पी.एम्. पैकेज’के अंतर्गत नौकरी पानेवाले कश्मीरी हिन्दुओं द्वारा धरना आंदोलन आरंभ किए अब ३ माह बीत गए । अप्रैल एवं मई माह में जिहादियों द्वारा अनेक कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या होने के पश्चात ५ सहस्र से भी अधिक हिन्दू कर्मचारी कश्मीर घाटी से बाहर स्थानांतर करने की मांग हेतु जम्मू में आकर धरना आंदोलन कर रहे हैं । कश्मीर घाटी में ५ सहस्र निर्वासित कश्मीरी हिन्दुओं को ‘पी.एम्. पैकेज’के अंतर्गत नौकरियां दी गई थी । इसमें बहुतांश कर्मचारी वित्त विभाग, शिक्षा, आरोग्य, ग्रामीण विकास एवं योजना विभागों के हैं ।
१. कुछ कर्मचारियों का कश्मीर में ही स्थानांतर किया गया है । ये कर्मचारी वहां अभी गए नहीं हैं । इसलिए उन्हें वेतन नहीं मिल सकता ।
२. १३ मई को राहुल भट नामक सरकारी कर्मचारी की हत्या के उपरांत बहुतांश हिन्दू कर्मचारी कश्मीर घाटी छोडकर जम्मू आ गए हैं ।
३. हिन्दू कर्मचारी ‘जम्मू में पुनर्वसन आयुक्तालय’के बाहर धरना आंदोलन कर रहे हैं । १० अगस्त को आंदोलन करनेवाले कर्मचारी योगेश पंडित बोले, ‘‘हिन्दुओं की हत्याओं के सत्र से ऐसा दिखाई देता है कि यहां कश्मीरी हिन्दू सुरक्षित नहीं । घाटी में ८० प्रतिशत हिन्दू कर्मचारी किराए के मकानों में रहते हैं । घरमालिक किराए के लिए दूरभाष कर रहे हैं; परंतु वास्तविकता यह है कि हमें महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है ।’’
कश्मीरी हिन्दू लोकतंत्र में नए ‘अस्पृश्य’ हो गए हैं ! – डॉ. अग्निशेखरआंदोलक कर्मचारियों के नेता डॉ. अग्निशेखर ने कहा, ‘‘हमारे लिए ‘पी.एम्. पैकेज’ यह ‘दंड पैकेज’ हो गया । हम लोकतंत्र के नए ‘अस्पृश्य’ हो गए । हमारे प्राण संकट में हैं । ९० दिनों से हम धरना आंदोलन कर रहे हैं । तब भी कोई हमारी सुन नहीं रहा है । |
संपादकीय भूमिकासरकार द्वारा कश्मीर में जिहादी आतंकवाद नष्ट कर हिन्दुओं के लिए भयमुक्त एवं सुरक्षित वातावरण निर्माण करने पर हिन्दुओं को ऐसे आंदोलन नहीं करने पडेंगे ! सरकार को उसके लिए कदम उठाने चाहिए ! |