अमेरिका ने रूस तथा चीन के ४०० से अधिक व्यक्तियों एवं संगठनों पर प्रतिबंध लगाए !
अमेरिका ने रूस एवं चीन के साथ-साथ बेलारूस, इटली, तुर्की, ऑस्ट्रिया, लिकटेंस्टीन तथा स्विट्जरलैंड के नागरिकों पर भी प्रतिबंध लगाया है।
अमेरिका ने रूस एवं चीन के साथ-साथ बेलारूस, इटली, तुर्की, ऑस्ट्रिया, लिकटेंस्टीन तथा स्विट्जरलैंड के नागरिकों पर भी प्रतिबंध लगाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने २३ अगस्त के दिन कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भेंट की । इस समय जेलेंस्की ने कहा कि, यूक्रेन भारत में बने उत्पाद खरीदेगा ।
युद्ध करने से समस्या का समाधान नहीं होता । परस्पर संवाद और राजनीतिक चर्चा से प्रश्नों का समाधान मिलता है । दोनों पक्षों को एकदूसरे से बोलना आरंभ करना चाहिए । वोलोदिमीर जेलेंस्की से भेंट होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा कि शांति के प्रयत्नों में भारत सक्रिय भूमिका निभाएगा ।
प्रधानमंत्री मोदीजी २३ अगस्त से यूक्रेन की यात्रा पर !
रूस-यूक्रेन युद्ध चालू हो कर ढाई वर्ष हो गए हैं । अमेरिका की समाचार-वाहिनी सी.एन्.एन्. द्वारा दिए गए समाचार के अनुसार, रूस को सैनिकों की कमी महसूस हो रही है । इस कारण अधिकाधिक रूस के लोग सेना में भर्ती हों, इसके लिए रूस सरकार ने नागरिकों को भिन्न भिन्न सुविधाएं (छूट) दी हैं ।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने आवाहन कऱते हुए कहा, ‘ऱूस के भारत से पुराने एवं दृढ संबंध हैं तथा यह बात सभी जानते हैं ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मॉस्को में हुई भेट के पश्चात अमेरिका ने कहा है कि अमेरिका का मानना है कि भारत के पास रूस से बातचीत कर युद्ध रोकने की क्षमता है।
अपनी रूस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के सामने रूस की सेना में भारतीयों को छल से भारती करने का प्रश्न उपस्थित किया । तब पुतिन ने रूस की सेना में भरती भारतीयों को निष्कासित कर स्वदेश भेजने की घोषणा की ।
यूक्रेनी पत्रकार एंड्री जैप्लेंको ने अपने टेलीग्राम चैनल के जरिए यह जानकारी दी।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की भूमिका के विषय में पूछे गए प्रश्न पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का प्रत्युत्तर !