Foreign Minister S. Jaishankar : यूरोप के नेता भारत को रुस तथा युक्रेन के साथ बातचीत जारी रखने के लिए कह रहे हैं ! – विदेशमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर

विदेशमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर

दोहा (कतार) – रुस-युक्रेन युद्ध के कारण १२५ देश ग्रसित हैं । युद्ध के कारण विकासशील देशों को महंगाई, अन्न, इंधन तथा उर्वरकों के बढते मूल्यों का सामना करना पड रहा है । पिछले कुछ सप्ताह से मैंने यूरोप के नेताओं को भी इस विषय में बोलते हुए सुना है । ये यूरोप के नेता हमें रुस एवं युक्रेन से बातचीत जारी रखने के लिए कह रहे हैं । अब काल की सुईं युद्ध के स्थान पर संवाद की दिशा में आगे बढ रही है । हम एक-दूसरों में स्थित समान बातें खोज रहे हैं, जिनका उचित समय पर उपयोग किया जा सकेगा । हमारे आजूबाजू में संघर्ष बढने से हमें कूटनीति को अल्प न कर उसे बढाना समय की मांग है, ऐसा वक्तव्य भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर ने यहां आयोजित सम्मेलन में किया ।

ब्रिक्स मुद्रा का कोई भी विषय नहीं है ! – डॉ. जयशंकर ने किया स्पष्ट

‘ब्रिक्स’ (ब्राजील, रुस, दक्षिण आफ्रिका, भारत एवं चीन इन देशों का संगठन) मुद्रा पर बोलते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा कि हम ब्रिक्स के वित्तिय लेन-देन पर बातचीत करते हैं; परंतु अमेरिकी डॉलर को दुर्बल बनाने की भारत की कोई योजना नहीं है । यदि डॉलर दुर्बल बना, तो उससे दोनों दिशों के हितों को बाधा पहुंचेगी । भारत अमेरिका का सबसे बडा भागीदार है ।

ट्रम्प ने इस संदर्भ में चेतावनी दी थी, उस पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि ट्रम्प का ब्रिक्स से संबंधित वक्तव्य किस परिप्रेक्ष्य में था, यह मेरी समझ में नहीं आया । हमने इससे पूर्व भी यह स्पष्ट किया है कि भारत कभी भी ब्रिक्स मुद्रा के पक्ष में नहीं था ।