शक्तिदेवता !
इस वर्ष की नवरात्रि के उपलक्ष्य में हम देवी के इन ९ रूपों की महिमा समझ लेते हैं । यह व्रत आदिशक्ति की उपासना ही है !
इस वर्ष की नवरात्रि के उपलक्ष्य में हम देवी के इन ९ रूपों की महिमा समझ लेते हैं । यह व्रत आदिशक्ति की उपासना ही है !
‘मनुष्य रूप के देवता अथवा असुर को पहचान न पाना भी आदिशक्ति की योगमाया होना
शक्ति शब्द का क्या अर्थ है, शक्तिद्वारा धारण किए ३ मुख्य रूप एवं उनकी विशेषताएं कौनसी हैं, श्री लक्ष्मी एवं दुर्गा, पार्वती एवं काली माता आदि की क्या विशेषताएं हैं, ‘गंगा’ एवं ‘नर्मदा’, इन नदियों की आध्यात्मिक विशेषताएं कौनसी हैं आदि प्रश्नों के उत्तर इस ग्रन्थ में दिए हैं ।
जिन्हें अध्यात्म के प्रति रुचि है उन्हें ईश्वरप्राप्ति शीघ्र कराने हेतु तथा संपूर्ण विश्व में हिन्दू धर्म का शास्त्रीय परिभाषा में प्रचार करने के उद्देश्य से, सनातन ने मई २०२१ तक ३३८ अनमोल ग्रंथों का प्रकाशन किया है, भविष्य में हजारों ग्रंथ प्रकाशित होंगे ।
‘पूर्वाग्रह, राग, भय के समान मूलभूत स्वभावदोषों के कारण अधिकांश लोगों के लिए खुलकर बात करना असहज रहता है ।
‘चाय का पाव चम्मच सनातन उशीर (वाळा) चूर्ण आधी कटोरी पानी में घोल बनाकर दिन में ४ बार पीना । यदि ७ दिन में लाभ न हो, तो वैद्यों का समादेश (सलाह) लें ।’
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के चरणों पर ‘ॐ ऐं क्लीं श्रीं श्रीं श्रीं सच्चिदानन्द-परब्रह्मणे नमः ।’ मंत्रजप करते हुए पुष्पार्चना करते समय ‘प्रत्येक फूल में विद्यमान प्राण जागृत हुआ है’, ऐसा प्रतीत हो रहा था ।
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय का कार्य समझ लेने के लिए आए पं. निषाद बाक्रे ने रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम का भी अवलोकन कर वहां का कार्य समझ लिया ।
इस प्रयोग के समय पं. बाक्रे को तबले पर गोवा के प्रसिद्ध तबलावादक डॉ. उदय कुलकर्णी तथा संवादिनी पर (हार्माेनियम पर) श्री. दत्तराज म्हाळशी ने संगत की ।