दरभंगा (बिहार) के सरकारी आयुर्वेद चिकित्सालय में पहली बार, जन्म पत्रिका देखकर उपचार करनेवाले बाह्यरोगी विभाग का आरंभ ! 

भारतीय संस्कृति का इस प्रकार पुनर्जीवित होना अभिनंदनीय है ! अब देश के अन्य चिकित्सालयों में भी ऐसा विभाग आरंभ होना चाहिए !

आधे-पके चावल से कर्क रोग (कैन्सर) होने की संभावना  ! – शोध का निष्कर्ष

एक शोध से ये निष्कर्ष सामने आया है, कि पकाते समय कच्चे रहे चावल खाने से कर्क रोग (कैंसर) का संकट हो सकता है ।

देश में कोरोना-बाधित रोगियों की संख्या में बडी गिरावट !

विगत २४ घंटे में, १५ सहस्र २१ रोगी कोरोना मुक्त हुए हैं । देश में इस समय १ लाख ५३ सहस्र ७७६ रोगियों का उपचार चल रहा है ।

‘मैकडोनाल्ड्स’, ‘बर्गर किंग’, ‘डोमिनोज’, ‘पिज्जा हट’ आदि कंपनियों के खाद्यपदार्थों में किया जाता स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रसायनों का प्रयोग ! – अमेरिका की जांच संस्थाओं का निष्कर्ष

जनता के स्वास्थ्य से खेलने वाली ऐसी कंपनियों पर केंद्र सरकार को अब तो प्रतिबंध लगाना चाहिए, ऐसी जनता की मांग है !

रूस में, एक ही दिन में ३५ हजार ६६० लोग कोरोना से बाधित !

रूस के ८५ प्रांतों में, एक ही दिन में कुल ३५ हजार ६६० नये कोरोनो बाधित रोगियों का निदान किया गया है, ऐसा रूसी प्रशासन ने सूचित किया है । रूस का रोगी वृद्धि दर ०.४३ प्रतिशत है ।

भारत में २ से १८ वर्ष के बच्चों के लिए ‘कोवैक्सीन’ वैक्सीन को केंद्र सरकार की मान्यता

अमेरिका, सिंगापुर सहित विश्व के २० देशों ने इसके पहले ही छोटे बच्चों को कोरोना की वैक्सीन देना प्रारंभ किया है ।

ब्रिटेन में विगत १० वर्षों में लोगों द्वारा मांसाहार ग्रहण करने की मात्रा में २० प्रतिशत की गिरावट 

शाकाहारी लोगों की संख्या में ३ प्रतिशत की वृद्धि !
शाकाहार का महत्व शनै: शनै: ही सही पश्चिमी लोगों के ध्यान में आ रहा है, यह बडे संतोष की बात है ।

भारत का ‘जैसे को तैसा’ उत्तर के बाद ब्रिटेन की ओर से भारतीयों को १० दिन क्वॉरेंटाइन रहने का नियम रहित !

‘नाक दबाने से मुंह खुलता है’, इसका यह उत्तम उदाहरण है ! भारत यदि ऐसी नीति हमेशा अपनाता है, तो भारत को महासत्ता बनने में देर नहीं लगेगी !

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मलेरिया पर पहली वैक्सिन को सहमति

५ वर्ष से कम आयु के बच्चों को मलेरिया होने का खतरा रहता है । प्रत्येक २ मिनट में मलेरिया के कारण एक बच्चे की मृत्यु होती है । वर्ष २०१९ में विश्वभर में मलेरिया के कारण ४ लाख ९ सहस्र लोगों की मृत्यु हो गई थी ।

कोरोना के उपचार में प्रभावी है आयुर्वेदिक औषधि, ‘अणु तेल’ ! – नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड

आयुर्वेद में अणु तेल को नाक में डालने की विधि हजारों वर्षों से चली आ रही है । आधुनिक विज्ञान भी यही कह रहा है । यह आयुर्वेद के महत्व को दर्शाता है !-