भारत में २ से १८ वर्ष के बच्चों के लिए ‘कोवैक्सीन’ वैक्सीन को केंद्र सरकार की मान्यता
अमेरिका, सिंगापुर सहित विश्व के २० देशों ने इसके पहले ही छोटे बच्चों को कोरोना की वैक्सीन देना प्रारंभ किया है ।
अमेरिका, सिंगापुर सहित विश्व के २० देशों ने इसके पहले ही छोटे बच्चों को कोरोना की वैक्सीन देना प्रारंभ किया है ।
शाकाहारी लोगों की संख्या में ३ प्रतिशत की वृद्धि !
शाकाहार का महत्व शनै: शनै: ही सही पश्चिमी लोगों के ध्यान में आ रहा है, यह बडे संतोष की बात है ।
‘नाक दबाने से मुंह खुलता है’, इसका यह उत्तम उदाहरण है ! भारत यदि ऐसी नीति हमेशा अपनाता है, तो भारत को महासत्ता बनने में देर नहीं लगेगी !
५ वर्ष से कम आयु के बच्चों को मलेरिया होने का खतरा रहता है । प्रत्येक २ मिनट में मलेरिया के कारण एक बच्चे की मृत्यु होती है । वर्ष २०१९ में विश्वभर में मलेरिया के कारण ४ लाख ९ सहस्र लोगों की मृत्यु हो गई थी ।
आयुर्वेद में अणु तेल को नाक में डालने की विधि हजारों वर्षों से चली आ रही है । आधुनिक विज्ञान भी यही कह रहा है । यह आयुर्वेद के महत्व को दर्शाता है !-
भारतीय चिकित्सकीय शोध परिषध के (आई.सी.एम.आर. के) पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर का दावा !
भारत सरकार ने उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किया प्रतिज्ञापत्र
महामारी रोगों के विशेषज्ञ डॉ. विश्वास मोंडे ने कहा कि, ७० प्रतिशत जनसंख्या का वैक्सीनेशन होना चहिए । अभी वैक्सीनेशन की जो गति है, उसे देखते हुए इस लक्ष्य को पाना कठिन दिख रहा है ।
अध्ययन के अनुसार, चिकित्सालय में भर्ती किए गए कोरोना रोगियों में ४९ प्रतिशत रोगियों में लगभग एक वर्ष तक कोरोना के लक्षण देखे गए । यह मेडिकल जर्नल, “द लैंसेट” की प्रकाशित नवीन प्रतिवेदन के निष्कर्ष में कहा गया है ।