ब्रिटेन में विगत १० वर्षों में लोगों द्वारा मांसाहार ग्रहण करने की मात्रा में २० प्रतिशत की गिरावट 

शाकाहारी लोगों की संख्या में ३ प्रतिशत की वृद्धि !

शाकाहार का महत्व शनै: शनै: ही सही पश्चिमी लोगों के ध्यान में आ रहा है, यह बडे संतोष की बात है ।– संपादक

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

लंदन (ब्रिटेन ) – ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोध द्वारा यह सामने आया है कि, विगत १० वर्षों में, ब्रिटेन में २० प्रतिशत लोगों ने अपने मांस सेवन की मात्रा अत्यंत अल्प कर दी है । कैंसर, मधुमेह (टाइप २) एवं हृदय संबंधी व्याधियां इसका मूल कारण है ।

इस शोध में कहा गया है कि,

१. लोगों ने अच्छे स्वास्थ्य के लिए मांस का सेवन न्यून कर दिया है अथवा उसकी मात्रा ‘न के बराबर’ कर दी है । ‘रेड मीट’ (बकरियों, भेड, सूअर, आदि स्तनधारी प्राणियों का मांस) के विक्रय में तेजी से गिरावट आई है; परंतु लोगों की मुर्गे एवं मछली के मांस की ओर प्रवृत्ति बढ रही है ।

२. वर्ष २००८-०९ में ब्रिटेन में प्रति व्यक्ति प्रति दिन १०३ ग्राम ‘रेड मीट’ का सेवन किया गया था । वर्ष २०१८-१९ में यह मात्रा प्रति व्यक्ति प्रतिदिन २३ ग्राम इतनी प्रविष्ट की गई है ।

३. ब्रिटेन में शाकाहारियों की संख्या विगत एक दशक में २ प्रतिशत से बढकर ५ प्रतिशत हो गई है । यह भी देखा गया है कि, वर्ष १९९९ के पश्चात जन्मे लोगों में मांस सेवन की मात्रा में वृद्धि हुई है ।