शारीरिक संबंध के लिए मना करने पर हिन्दू प्रेमिका की मुसलमान प्रेमी द्वारा बलात्कार कर हत्या !
ऐसे वासनांधों को शरियत कानून के अनुसार यदि कोई कमर तक गड्डे में गाडकर उन पर पथराव कर उनको मार डालने का दंड देने की मांग करे तो आश्चर्य कैसा !
ऐसे वासनांधों को शरियत कानून के अनुसार यदि कोई कमर तक गड्डे में गाडकर उन पर पथराव कर उनको मार डालने का दंड देने की मांग करे तो आश्चर्य कैसा !
इस घटना की अनेक सूक्ष्मताओं का अध्ययन कर प्रा. किश्वर ने ‘द गर्ल फ्रॉम कठुआ : अ सैक्रिफीशियल विक्टीम गजवा ए हिन्द‘ (कठुआ की लडकी : ‘गजवा ए हिन्द की बलि चढी लडकी) पुस्तक लिखकर उस माध्यम से कठुआ बलात्कार प्रकरण की भीषण वास्तविकता विश्व के सामने रखी ।
ऐसे विकृत वासनांधों को कठोर दंड न होने से ही निरंतर ऐसी घटनाएं हो रही हैं । इसके विरुद्ध कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है !
‘जय भीम जय मीम’ के (दलित- मुस्लिम एकता के) नारे कितने फसाने वाले हैं, यही इससे स्पष्ट होता है ! उत्तर प्रदेश सरकार इस घटना के दोषियों को फांसी पर लटकाएगी क्या ?
‘प्रेम को धर्म का बंधन नहीं होता’, ऐसा राग अलापते हुए हिन्दुत्वनिष्ठों से प्रश्न करनेवाले निरपेक्षतावादी ‘मुस्लिम पहचान छिपा कर हिन्दू लडकी को फंसानेवाले लव जिहादियों’ के विरुद्ध कभी एक शब्द भी नहीं बोलते, यह जान लें !
ऐसे वासनांध शैक्षणिकक्षेत्र में लगा कलंक हैं । उन्हें फांसी का दंड देने के लिए प्रयत्न होने चाहिए !
राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता है, फिर ऐसी घटनाओं पर स्वयं को महिलाओं की तारनहार कहनेवाली प्रियांका गांधी वढेरा मौन क्यों ?
ऐसों के विरोध में द्रुतगति न्यायालय में मुकदमा चलाकर उन्हें बीच चौराहे पर फांसी का दंड देने से ही ऐसे मामले रुकेंगे !
बाजार गई एक अवयस्क हिन्दू लडकी को धर्मांधों ने नशीला पदार्थ सुंघा कर बेहोश किया तथा उसका अपहरण कर उसका सामूहिक बलात्कार किया ।
पीडिता ने कहा कि, युवक को मुझसे विवाह नहीं करना है इसलिए वह झूठ बोल रहा है । मुझे मंगल दोष नहीं है । इस पर उच्च न्यायालय ने उपर्युक्त आदेश दिया ।
पुलिस का ही लव जिहाद करना अर्थात बाड के अंदर ही खेत उजाडने समान है ! अपने ही विभाग में ११ वर्ष चलनेवाला यह अपराध ध्यान में न आनेवाली पुलिस क्या कभी आतंकवादियों पर कार्रवाई कर सकेगी ? इसमें उत्तरदायी पुलिस अधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई की जाए !