अमेरिका में हिंसाचार के कारण ४० शहरों में यातायात बंदी
यहां पुलिस की मारपीट में कृष्ण वर्णीय व्यक्ति की मृत्यु होने के उपरांत भडका हिंसाचार अभी तक नहीं थमा है । अमेरिका में लगभग ४० शहरों में यातायात बंदी लागू की गई है ।
यहां पुलिस की मारपीट में कृष्ण वर्णीय व्यक्ति की मृत्यु होने के उपरांत भडका हिंसाचार अभी तक नहीं थमा है । अमेरिका में लगभग ४० शहरों में यातायात बंदी लागू की गई है ।
सुरक्षा बलों ने आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ की सहायता करनेवाले ६ लोगों को गिरफ्तार किया है । उनसे बडी मात्रा में शस्त्रसंग्रह और मादक पदार्थ ‘हेरॉइन’ भी नियंत्रण में ले लिया गया है ।
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष सप्तमी अर्थात सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी का जन्मदिवस ! अखिल मनुष्यजाति के कल्याण हेतु तथा साधकों की रक्षा हेतु आध्यात्मिक स्तर पर कार्यरत गुरुदेवजी के चरणों में शरणागत होने का यह दिन !
ब्रेकिंग इंडिया पुस्तक के लेखक राजीव मल्होत्रा ने कुछ वर्ष पूर्व ही सैकडों प्रमाणों के साथ अल् कायदा भारत में आतंकी गतिविधियों के माध्यम से इस्लामिक राज्य स्थापित करने की तैयारी में है ।, यह सूचित किया था ।
कोरोना से उत्पन्न विकट आर्थिक संकटों का सामना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का जो मार्ग चुना है, वह निश्चित ही प्रशंसनीय है ।
गुरुकृपायोग की महिमा गुरुकृपा के माध्यम से जीव को ईश्वरप्राप्ति होना, इसे ‘गुरुकृपायोग’ कहते हैं । इस ग्रंथ में ‘गुरुकृपायोगानुसार साधना’ के सिद्धांत, चरण इत्यादि की अभिनव जानकारी दी गई है ।
ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष सप्तमी, (१३.५.२०२०) को परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का ७८ वां जन्मदिन था । उस दिन सायंकाल ६.४१ बजे ईरोड (तमिलनाडु) के पू. डॉ. ॐ उलगनाथन्जी ने सप्तर्षि जीवनाडी-पट्टिका का वाचन किया । उसमें सप्तर्षि ने निम्नांकित संदेश दिया ।
परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी श्रीमहाविष्णु के अवतार हैं, ऐसा सप्तर्षि, भृगु ॠषि और अत्रि ॠषि ने नाडीपट्टिकाओं में लिखा है । अनेक संतों ने परात्पर गुरु डॉक्टरजी के अवतारत्व के संदर्भ में बताया है, तो सप्तर्षियों ने परात्पर गुरूदेवजी को श्रीविष्णु का श्रीजयंतावतार कहा है ।
अप्रैल महीने में मुंबई के चिकित्सालयों में काम करनेवाले चिकित्साकर्मियों को कोरोना का संक्रमण न हो; इसके लिए आधुनिक वैद्यों के लिए परिधान करने हेतु अनिवार्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट का) आधुनिक वैद्य और परिचारिकाओं को अनेक समस्याओं का सामना करना पडता है ।
आजकल कई लोग मधुमेह, रक्तचाप, हृदयरोग, तीव्र आम्लपित्त (हाइपर एसिडिटी), घुटनों के दर्द जैसे कई विकारों पर वर्षों से एलोपैथी औषधियों का सेवन कर रहे हैं । उन्हें इन एलोपैथी औषधियों की इतनी आदत पड गई है कि वे इन औषधियों के बिना जीने का विचार भी नहीं कर सकते ।