परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के ७८ वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में दो ‘ऑनलाइन’ भावसत्संगों के द्वारा साधकों ने व्यक्त की कृतज्ञता !

    

     रामनाथी (गोवा) – ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष सप्तमी अर्थात सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी का जन्मदिवस ! अखिल मनुष्यजाति के कल्याण हेतु तथा साधकों की रक्षा हेतु आध्यात्मिक स्तर पर कार्यरत गुरुदेवजी के चरणों में शरणागत होने का यह दिन ! महर्षिजी की आज्ञा से विगत ४ वर्षों से परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का जन्मोत्सव समारोह मनाया जा रहा था । इस वर्ष कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर यह जन्मोत्सव समारोह मनाना संभव नहीं हो सका; अतः १३ मई और १५ मई २०२० को प्रत्येक साधक ने घर पर ही ऑनलाइन भावसत्संग के द्वारा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति कृतज्ञता अर्पित की । आंतरिक भाव के लिए स्थल-काल का कोई बंधन नहीं होता ।

(परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की लिखाई)

     साधकों ने आज परात्पर गुरुदेवजी के इस वचन की प्रतीति ली ! दृश्य-श्रव्य चक्रिकाओं के माध्यम से गुरुदेवजी की विविध भावमुद्राओं का अनुभव करते समय भारतभर के साधक भक्तिभाव से ओतप्रोत हो गए ! इस संकटकाल में भी दृश्य-श्रव्य चक्रिकाओं के माध्यम से गुरुदेवजी के दर्शन हुए और साधकों को अगले संकटकाल का सामना करने हेतु आध्यात्मिक बल मिला !

परात्पर गुरुदेवजी की धर्मसंस्थापना के कार्य में सहभागी होना ही उनके प्रति सच्ची
कृतज्ञता ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

परात्पर गुरुदेवजी के इस ऐतिहासिक धर्मसंस्थापना के कार्य में साधक दायित्व लेकर प्रयास करें । दायित्व लेना समष्टि साधना का अंग है । परात्पर गुरुदेवजी ने समष्टि हेतु जीवन समर्पित करने की सीख दी है । अब इस सीख को वास्तविक जीवन में उतारने हेतु आवश्यक प्रयासों का आज से ही आरंभ करें । यदि हम पहले से ही समष्टि हेतु दायित्व लेकर प्रयास कर रहे हैं, तो अब अधिक दायित्व लेकर समष्टि साधना करना आरंभ करें । परात्पर गुरुदेवजी के इस ऐतिहासिक धर्मसंस्थापना के कार्य का एक अंग बनना ही उनके प्रति वास्तविक कृतज्ञता होगी । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने नई देहली से एक वीडियो कॉन्फरेन्सिंगके द्वारा साधकों का मार्गदर्शन किया ।

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी द्वारा व्यक्त कृतज्ञता !

     कोरोना महामारी के समय गुरुदेवजी ने हमें भावसत्संग प्रदान कर हमें आगे की साधना हेतु चैतन्य एवं ऊर्जा प्रदान की है । इस संकट के समय आपके चैतन्यरूपी भावसत्संग के कारण हमारी आगे की व्यष्टि और समष्टि साधना निश्‍चित रूप से अच्छी होगी ।

ऐसे संपन्न हुआ ऑनलाइन भावसत्संग !

१. भावसत्संग के आरंभ में १० फरवरी २०१९ को संपन्न परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का पादुका धारण समारोह एवं उस समारोह में सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी एवं सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी द्वारा की गई परात्पर गुरु डॉक्टरजी की आरती की दृश्य-श्रव्य चक्रिका दिखाई गई ।

२. ६४ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कु. वैष्णवी वेसणेकर ने श्री गुरुपादुकाओं की मानसपूजा बताई ।

३. सत्संग में दिखाई गईं अन्य दृश्य-श्रव्य चक्रिकाएं !

  • विश्‍वकल्याण हेतु रामनाथी के सनातन आश्रम में वर्ष २०१६ में संपन्न उच्छिष्ट गणपति याग
  • २९ दिसंबर २०१८ को संपन्न श्री बगलामुखी याग
  • १९ से २१ जनवरी २०२० की अवधि में संपन्न रामनाथी आश्रम में स्थापित श्री भवानीदेवी का प्रतिष्ठापना समारोह
  • सनातन के द्वितीय बाल-संत पू. वामन राजंदेकरजी की गुणविशेषताएं
  • साधना के संबंध में परात्पर गुरु डॉक्टरजी के साधकों के साथ किए गए संवाद की संकलित दृश्य-श्रव्य चक्रिका दिखाई गई । उसमें साधकों द्वारा साधना के संदर्भ में पूछी गई शंकाओं का परात्पर गुरु डॉक्टरजी ने निराकरण किया, साथ ही आगे के प्रयासों का मार्गदर्शन भी किया ।

४. सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का वीडियो कॉन्फरेन्सिंग के माध्यम से साधकों का मार्गदर्शन

५. कु. योगिता पालन द्वारा बताई गई भावार्चना के पश्‍चात साधकों द्वारा गाए गए धन्य-धन्य हम हो गए गुरुदेव गीत के द्वारा समापन

६. दूसरे भावसत्संग में कार्यक्रम के आरंभ में श्रीगुरु संकीर्तन की दृश्य-श्रव्य चक्रिका दिखाई गई ।

७. सनातन संस्था एवं एसएसआरएफ के संतों द्वारा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के चरणों में अर्पित कृतज्ञता !