गोलाबारी में मारे गए धर्मांध दंगाईयों के प्रति कर्नाटक की कांग्रेस के पूर्व मंत्री जमीर अहमद को हुआ खेद

बेंगळुरू – यहां के धर्मांधों द्वारा किए दंगे में पुलिस प्रशासन की गोलाबारी में ३ धर्मांध दंगाई मारे गए । राज्य के कांग्रेस के पूर्व मंत्री जमीर अहमद खान ने इन मृतक दंगाईयों के घर जाकर उनके परिवारजनों से मिले और कहा ‘मारे गए निर्दाेष थे ।’

पवित्र शहर शृंगेरी (कर्नाटक) स्थित आदि शंकराचार्यजी के पुतले पर इस्लामी ध्वज लगानेवाले दो धर्मांध गिरफ्तार !

मोहम्मद पैगंबर का कथित अपमान होने के पश्चात धर्मांधों ने बंगळुरू में दंगे किए इसके विपरीत हिन्दुओं के धर्मगुरु के पुतले पर धर्मांधों द्वारा इस्लामी ध्वज लगाए जाने पर हिन्दू वैधानिक मार्ग से आवाज उठाते हैं ।

बेंगलुरू में धर्मांधों की हिंसा में ६० पुलिसकर्मी घायल

स्वयं की और पुलिस थाने की भी रक्षा न कर सकनेवाले पुलिसवाले जनता की रक्षा क्या करेंगे ? इसलिए जनता को अब स्वयं की और स्वयं के परिवार की रक्षा करने के लिए स्वरक्षा प्रशिक्षण लेना चाहिए !

वेदमंत्रोच्‍चारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों संपन्‍न हुआ रामजन्‍मभूमिपूजन का ऐतिहासिक समारोह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २८ वर्षों उपरांत अयोध्‍या आए हैं । इससे पूर्व वह रामजन्‍मभूमि आंदोलन के समय अयोध्‍या आए थे ।

आपातकाल में जीवनरक्षा हेतु आवश्‍यक पूर्वतैयारी

आपातकाल संबंधी इस लेखमाला में अभी तक हमने ‘भोजन के अभाव में भूखे न रहना पडे, इसके लिए क्‍या करें’, साथ ही अनाज का रोपण, गोपालन इत्‍यादि विषय देखे । मनुष्‍य पानी के बिना नहीं जी सकता और बिजली के बिना जीवन जीने की कल्‍पना भी नहीं कर सकता ।

परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्‍वी विचार

‘जो ऋषि-मुनि साक्षात ईश्‍वर का शोध कर पाए, उनके लिए वर्तमान वैज्ञानिकों और शास्‍त्रज्ञों की खोज खिलौने समान लगती होगी !’

हिन्‍दू जनजागृति समिति आयोजित ‘ऑनलाइन’ नवम ‘अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ का लाभ लाखों धर्मप्रेमियों ने लिया !

हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘ऑनलाइन’ नवम ‘अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ का लाभ लाखों धर्मप्रेमियों यू ट्यूब, फेसबुक और ट्‍विटर के माध्‍यम से करवाकर लिया, उसका संक्षिप्‍त ब्‍योरा बाजू में दिया है ।

कोरोना संकटकाल में गणेशोत्‍सव कैसे मनाना चाहिए ?

‘आजकल पूरे विश्‍व में कोरोना महामारी के कारण सर्वत्र ही लोगों के बाहर निकलने पर अनेक बंधन लगे हुए हैं । भारत के विविध राज्‍यों में भी यातायात बंदी (लॉकडाउन) लागू है ।

‘स्वयं की चल और अचल संपत्ति का ‘सत्पात्रे दानम्’ हो’, इस उद्देश्य से यदि वे सनातन संस्था को दान करने के इच्छुक हों, तो अपने जीवनकाल में ही अर्पण करें !

‘सनातन संस्था गत अनेक वर्षों से धर्मप्रसार का कार्य निःस्वार्थ और निरपेक्ष रूप से कर रही है । पूरे भारत में विविध स्थानों के साधक धर्मप्रसार का कार्य अविरत कर रहे हैं तथा इस कार्य से अनेक पाठक, हितचिंतक और धर्मप्रेमी जुडे भी हैं ।