परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी के गुरु प.पू. भक्‍तराज महाराजजी का प्रकट दिन

प.पू. बाबा को पता होना कि ‘इस व्‍यक्‍ति के शरीर में नागदेवता आए हैं’, इसलिए उसे दूध पिलाने के लिए कहना : उस समय मेरे ध्‍यान में आया, ‘भजन सुन रहे साधु और संतों को पता न चले’, इसके लिए प.पू. बाबा ने ‘इसे दूध पिलाओ’, यह कहकर यह विषय टाल दिया। वास्‍तविक, प.पू. बाबा समझ गए थे कि उस व्‍यक्‍ति के शरीर में नागदेवता आए हैं ।

३१ दिसंबर मनाना एक दिन का धर्मांतरण ही है ! – श्री. शंभू गवारे, पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत, हिन्दू् जनजागृति समिति

पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत के झारखंड, बंगाल, असम, मेघालय और त्रिपुरा, इन राज्‍यों के धर्मनिष्‍ठ हिन्‍दुत्‍ववादी लोगों के लिए ‘ऑनलाइन बैठकों’ का आयोजन किया गया ! हिन्‍दू राष्‍ट्र जागृति ‘ऑनलाइन बैठक’ में जागृत हिन्‍दूओं ने लिए १ जनवरी को नया वर्ष न मनाने की शपथ !

गुणवत्तापूर्ण गणतंत्र के लिए मूलभूत अधिकार होने चाहिए !

देश में वर्ष १९७५ में आपात्‍काल घोषित किया गया था, उस समय यही प्रश्‍न उपस्‍थित हुआ था । तत्‍कालीन शासन ने आपात्‍काल की घोषणा कर मूलभूत अधिकारों पर बंधन डाले थे । साथ ही आंतरिक रक्षा का कारण बताकर लाखों लोगों को कारागार में डाला था ।

आओ देशभक्त बनें, सुराज्य लाएं !

२६ जनवरी, भारत का गणतंत्र दिवस ! परंतु आज वास्‍तविक अर्थों में देश में गणतंत्र है ही नहीं ! क्‍योंकि आज भी पानी, सडक आदि मूलभूत आवश्‍यकताओं के लिए भी आंदोलन करने पडते हैं ।

विद्यार्थियो, राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य निभाकर राष्ट्राभिमानी बनें !

राष्‍ट्र के प्रतीक कौन से हैं ? राष्‍ट्रध्‍वज, राष्‍ट्रगीत, ‘वन्‍दे मातरम्’ जैसा राष्‍ट्रीय गीत, राष्‍ट्र का मानचिह्न आदि हमारे राष्‍ट्रीय प्रतीक हैं । इनका यथोचित सम्‍मान करना, हमारा राष्‍ट्रकर्तव्‍य है ।

अंतरराष्‍ट्रीय गीता जयंती महोत्‍सव के अवसर पर जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी से आयोजित पांच दिवसीय महोत्सव में सद़्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का मार्गदर्शन

अपने मार्गदर्शन में सद़्‍गुरु डॉ. पिंगळेजी ने कहा, ‘‘आज तनावपूर्ण जीवनशैली से बाहर निकालने के लिए भगवान श्रीकृष्‍ण द्वारा किया हुआ मार्गदर्शन उतना ही प्रासंगिक है । धर्म व्‍यक्‍ति के सर्वांगीण विकास का विचार करता है ।

बिहार व उत्तर प्रदेश में दत्त जयंती के निमित्त किए प्रयास

पूर्वजों को सद़्‍गति दिलानेवाले तथा २४ गुण गुरु कर सभी को इस चराचर में ईश्‍वर का रूप मानकर उससे सीखने का उपदेश देनेवाले भगवान दत्तात्रेय के विषय में जानकारी मिले तथा उनकी श्रद्धा बढे इस हेतु १४ प्रवचन और ५ सामूहिक जप का आयोजन हुआ, जिसका लाभ सैकडों श्रद्धालुओं को हुआ ।

बिहार तथा उत्तर प्रदेश में १ जनवरी को नववर्ष न मनाने का अनेक युवाओं ने किया संकल्प !

 हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा ३१ दिसंबर की रात को होनेवाली अप्रिय एवं अनैतिक घटनाआें को रोकने हेतु किए गए अभियान को समाज के युवाआें का उत्‍स्‍फूर्त प्रतिसाद मिला ।

३१ दिसंबर की रात को ‘न्यू ईयर पार्टी’ द्वारा नववर्ष का स्वागत करनेवालों पर वहां के वातावरण का हुआ नकारात्मक परिणाम

३१ दिसंबर की रात ‘न्‍यू ईयर पार्टी’ द्वारा नववर्ष का स्‍वागत करनेवालों पर वहां के वातावरण का आध्‍यात्मिक दृष्‍टि से क्‍या परिणाम होता है ?’, विज्ञान के माध्‍यम से इसका अध्‍ययन करने के लिए ‘महर्षि अध्‍यात्‍म विश्‍वविद्यालय’ की ओर से एक परीक्षण किया गया ।

लाचित बोडफुकन के पराक्रम और सराईघाट की लडाई में असमिया सेना की विजय का स्‍मरण करने के लिए संपूर्ण असम राज्‍य में प्रति वर्ष २४ नवंबर को लाचित दिवस मनाया जाता है ! – श्री. बिस्‍वा ज्‍योति नाथ, महाकाल सेना

लाचित बोडफुकन के पराक्रम और सराईघाट की लडाई में असमिया सेना की विजय का स्‍मरण करने के लिए संपूर्ण असम राज्‍य में प्रति वर्ष २४ नवंबर को लाचित दिवस मनाया जाता है !