Bharat Gaurav Award : सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के अद्वितीय कार्य का फ्रान्सीसी संसद में ‘भारत गौरव’ पुरस्कार देकर सम्मान !

  • फ्रान्स की संसद में भव्य समारोह !

  • श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने स्वीकार किया पुरस्कार

पुरस्कार स्वीकार करती हुई श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी । पुरस्कार प्रदान करते हुए बाएं से फ्रांसीसी संसद के उपाध्यक्ष डॉमिनिक थिओफिल, मेहेंदीपूर बालाजी ट्रस्ट के श्री नरेश पुरी महाराज, ‘संस्कृति युवा संस्था’ के अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा और फ्रांसीसी संसद के सदस्य फ्रेडरिक बुवेल

पेरिस, ६ जून (संवाददाता) – अखिल मानवजाति के कल्याण हेतु अविराम प्रयासरत, साधना संबंधी दिशादर्शन कर पूरे विश्व के साधकों का जीवन आनंदमय करनेवाले, विज्ञानयुग में सरल और सुलभ भाषा में अध्यात्मप्रसार कर समाज को दिशादर्शन करनेवाले सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी को ५ जून २०२४ को फ्रांस की सीनेट में (संसद में) ११ वे ‘भारत गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया । भारतीय संस्कृति और सभ्यता के वैश्विक प्रसार हेतु प्रदान अद्वितीय योगदान के लिए यह पुरस्कार उन्हें दिया गया । सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की ओर से उनकी आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने यह पुरस्कार स्वीकार किया । ‘संस्कृति युवा संस्था’ ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का चयन किया था । इस भव्य समारोह में संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा सहित पूरे विश्व के प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे । उन्होंने सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के कार्य की प्रशंसा की ।

श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी का सत्कार करते हुए फ्रांसीसी संसद के उपाध्यक्ष डॉमिनिक थिओफिल

पं. सुरेश मिश्रा, अध्यक्ष, संस्कृती युवा संस्था

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने भारतीय संस्कृति के लिए दिया योगदान अद्वितीय है । उनके नेतृत्व में सनातन संस्था ने अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक उपक्रमों द्वारा समाज में जागृति एवं सकारात्मक परिवर्तन लाया है ।

– पं. सुरेश मिश्रा, अध्यक्ष, संस्कृती युवा संस्था.

यह पुरस्कार अर्थात आदिशक्ति का आशीर्वाद !

श्री. विनायक शानभाग

फ्रांस की राजधानी का ‘पेरिस’ यह नाम वास्तव में आदिशक्ति स्वरूप परमेश्‍वरीदेवी के नाम से प्राप्त हुआ है । रोमन सभ्यता के (संस्कृति के) समय पेरिस शहर को ‘पॅरिशोरियम्’ संबोधित किया जाता था । वास्तव में यह नाम ‘परमेश्‍वरी’ इस देवी के नाम का संक्षिप्तीकरण है; क्योंकि पेरिस  प्राचीन काल में परमेश्‍वरीदेवी का स्थान था । आज विदेशी भूमि पर और वह भी फ्रांस जैसे आदिशक्ति के स्थान पर सीनेट में हुआ सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का गौरव, यह एक प्रकार से परमेश्‍वरीदेवी का आशीर्वाद ही है ।

कुछ वर्ष पहले नाडीपट्टिका के माध्यम से महर्षियों ने कहा था कि सच्चिदानंद परब्रह्म गुरुदेवजी की ख्याति पूरे विश्व में होगी । फ्रांस की राजधानी पेरिस में ‘संस्कृति युवा संस्था’ की ओर से गुरुदेवजी को जो भारत गौरव पुरस्कार प्रदान किया गया है, उससे महर्षियों के इस वाक्य की प्रतीती हुई ।

– श्री. विनायक शानभाग, पेरिस, फ्रांस.

संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा, जयपुर (राजस्थान) का संक्षिप्त परिचय

पंडित सुरेश मिश्रा

आप सामाजिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्याें में सक्रिय होने के कारण जयपुर के अनेक सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागी होते हैं । भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त हो, इस हेतु आप में लगन है । ‘संस्कृति युवा संस्था’ की स्थापना भी इसी उद्देश्य से की गई है । इसलिए यह संस्था विश्व के विविध महनीय व्यक्तियों के सहयोग से कार्यरत है । इस संस्था की ओर से जरूरतमंद छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है ।


संस्कृति युवा संस्था के विषय में थोडासा…

‘संस्कृति युवा संस्था’ पिछले ३० वर्षाें से भारतीय संस्कृति एवं परंपरा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान एवं सम्मान प्राप्त होने हेतु कार्य कर रही है । इसलिए यह संस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती है । यह कार्य अधिक गति से होने हेतु इस संस्था ने वैश्विक स्तर पर विविध क्षेत्रों में संतोषजनक कार्य करनेवाले महनीय व्यक्तियों के साथ मिलकर कार्य किया है ।


भारत गौरव पुरस्कार से सम्मानित मान्यवर !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के साथ ही ३५ लोगों को ‘भारत गौरव’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।

इन में ‘हार्टफुलनेस’ के आध्यात्मिक गुरु कमलेश (दाजी) पटेल, आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु श्री रितेश्वर महाराज, ब्रिटेन के आध्यात्मिक गुरु एच.एच. श्री राजराजेश्वर गुरुजी, आस्था चैनल के संस्थापक डॉ. संतोष कुमार जैन, संस्कार टीवी के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी मनोज त्यागी, अयोध्या के श्री रामलला की मूर्ति के निर्माणकर्ता भारत के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज, श्री रामलला की पोशाक के निर्माणकर्ता प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी एवं एबीपी न्यूज के कार्यकारी संचालक इंद्रजीत राय भी सम्मिलित हैं ।

‘भारत गौरव पुरस्कार’ सम्मान, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के दिव्य कार्य का सम्मान !

श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी को फ्रांस की सीनेट में ‘भारत गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया, इसलिए सनातन संस्था ‘संस्कृति युवा संस्था’ और संस्था के अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा के प्रति कृतज्ञ है । सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी जैसे उच्च स्तर के संत पुरस्कार और मानसम्मान के परे होते हैं, तब भी उनका हुआ यह सम्मान उन्होंने अखिल मानवजाति के कल्याण हेतु किए दिव्य अध्यात्मकार्य का सम्मान है ।

पुरस्कार के साथ श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी

आज यह सम्मान सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने सनातन धर्मांतर्गत अध्यात्म को ‘शास्त्र’ अर्थात ‘विज्ञान’ के रूप में स्थापित करने हेतु किए अलौकिक शोधकार्य और ग्रंथलेखन का तथा अखिल मानवजाति की शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति के लिए निर्मित ‘गुरुकृपायोग’ नामक साधनामार्ग का ही एक प्रकार से गौरव हुआ है, ऐसा हम समझते हैं ।’

–  श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळ, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारी