US Media On Modi : (और इनकी सुनिए…) ‘मोदी को राजनीतिक सदमा पहुंचा !’ – अमेरिका के सभी समाचारपत्र

लोकसभा चुनाव २०२४

वॉशिंग्टन (अमेरिका) – भारत के लोकसभा के चुनाव का परिणाम उजागर होने के समाचार अमेरिका के सभी समाचारपत्रों द्वारा प्रकाशित किए गए हैं। ‘वॉशिंग्टन पोस्ट’ ने लिखा, ‘लोकप्रिय प्रधानमंत्री अपने २३ वर्षों की राजनैतिक कार्यकाल में राज्य अथवा केंद्रीय चुनाव में बहुमत प्राप्त करने में कभी भी असफल नहीं हुए हैं। पिछले चुनाव में उन्हें ठोस जीत मिली थी; परंतु अब मोदी को राजनैतिक धक्का लगा है। मतदान के आरंभ के आंकडे उनके हिन्दू राष्ट्रवादी पार्टी को कमजोर समर्थन देते हैं।’ (भाजपा के हिन्दू राष्ट्रवाद के विषय में विदेशी प्रसारमाध्यमों को आपत्ति क्यों है ? अमेरिका ने देशहित की दृष्टि से एक भी कृत्य नहीं किया है, तब भी वह राष्ट्रवाद प्रमाणित होता है, तथा यदि अन्य देश वह करें, तो वह एकाधिकारशाही ! ऐसा ही अमेरिकी प्रसारमाध्यमों को लगता है। इससे उनका हिन्दुद्वेष दिखाई देता है ! – संपादक)

१. न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है, ‘नरेंद्र मोदीजी के आसपास का अजेय का बादल फट गया है। भाजपा ने अपना सबसे प्रिय ऐसा स्थान, अयोध्या गंवा दिया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को ठेस लगी है।

२. फाइनान्शियल टाइम्सने कहा, ‘इस परिणाम के कारण भारतीय राजनीति में पुनः ‘गठबंधन की राजनीति’ का खेला होगा। अनेक भारतीयों को इस चुनाव में मोदीजी के स्पष्ट विजय की अपेक्षा थी। मोदीजी के दस वर्षों के कार्यकाल के जनमत संग्रह के रूप में इसकी ओर देखा जा रहा था।’

३. अल् जजीरा वृत्तवाहिनी ने कहा, ‘संसद में चुनौतियां होंगी। ऐसे कुछ विधेयक हैं, जो सहमत होने हैं एवं भाजपा को उनके लिए निश्चित ही बहुत समझौता करना पडेगा। इससे पूर्व जब उन्हें विशाल बहुमत मिला, तब उन्होंने समझौता नहीं किया।’

अयोध्या में पराजय, अनेक लोगों के लिए धक्का ! – पाकिस्तानी दैनिक ‘डॉन’

पाकिस्तानी वृत्तपत्र ‘डॉन’ ने समाचार दिए है, ‘भारत में मतगणना मोदी- गठबंधन को आश्चर्यजनक रूपसे अल्प बहुमत से विजयी होना दिखाती है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में अयोध्या का स्थान भाजपा ने गंवा दिया है। इस चुनावक्षेत्र में भाजपा का प्रतिष्ठित प्रकल्प श्रीराममंदिर है। अनेक लोगों के लिए यह धक्कादायक है। भाजपा ने अयोध्या के पराजय का स्वीकार किया है । राहुल गांधी कहते है कि मतदाताओं ने भाजपा को दंडित किया है।’

संपादकीय भूमिका 

भारत के इस वर्ष के चुनाव में विदेशी एवं उससे अधिक अमेरिकी प्रसारमाध्यमों ने बडी मात्रा में हस्तक्षेप किया। चुनाव अप्रैल एवं मई में लेने के विषय में भी उन्होंने आपत्ति दर्शाई। इससे भी आगे जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी एवं भाजपा सरकार के संदर्भ में उल्टा – सीधा (विपरीत) लिखा। इस कारण मोदीजी तीसरी बार चुनकर आने से उन्हें पेटदर्द तो होगा ही !