पाटलीपुत्रा (बिहार) – यहां के ‘टिनी टॉट अकादमी’ नामक विद्यालय में नर्सरी की शिक्षा लेनेवाले ४ वर्ष के आयुष की हत्या के मामले में पुलिस ने विद्यालय की मुख्या अध्यापिका और उनके बेटे जो कि विद्यालय के संचालक है, उसे बंदी बनाया है । पुलिस की पूछताछ में मुख्य अध्यापिका वीणा झा उपाख्य पुतुल झा ने बताया कि, आयुष विद्यालय में खेलते समय नीचे गिरकर अचेत हो गया । उसके सिर में चोट आई थी । मुख्य अध्यापिका ने कहा, ‘‘हम घबरा गए । मैंने मेरे बेटे धनराज झा (आयु २१ वर्ष) को यह बात बताई । हम दोनों ने मिलकर रक्त के धब्बे पोंछ दिए और आयुष को नाली में नाली में फेंक दिया । हमें लगा कि किसी को कुछ पता नहीं चलेगा ।’’ दूसरे दिन आयुष की मृतदेह विद्यालय की नाली में तैरती हुई दिखाई दी ।
आरोपियों ने अपराध में सहभाग होने की दी स्वीकृति ! – पुलिस
शहर के पुलिस अधीक्षक चंद्र प्रकाश ने बताया कि आयुष खेलते समय घायल हुआ । अधिक रक्तस्राव आरंभ होने पर मुख्य अध्यापिका और उनका बेटा दोनों घबरा गए । वे बच्चे को चिकित्सालय में लेकर नहीं गए, किंतु नाली में फेंक दिया । यही उसकी मृत्यु का कारण बन गया । दोनों ने अपराध में सहभागी होने की स्वीकृति दी है ।
लोगों के समुदाय ने विद्यालय में आग लगा दी !
मृतदेह मिलने के पश्चात आक्रोशित लोगों ने विद्यालय के प्रांगण में तोडफोड की और इमारत में आग लगाई । आक्रोशित परिजनों ने मृतदेह सडक पर रखते हुए दानापूर-गांधी मैदान यह मुख्य मार्ग रोक लिया । मार्ग पर भी आग लगाई ।
संपादकीय भूमिकाक्या ऐसी हिंस्र वृत्ति की मुख्य अध्यापिका छात्रों पर कभी अच्छे संस्कार कर पाएगी ? ऐसे लोगों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए ! |