मुंबई (महाराष्ट्र) – बच्चे का निधन होने पर घर की सभी धार्मिक मूर्ति बाहर फेंक दी और घर का पूजाघर बंद किया, ऐसा अभिनेता शेखर सुमन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में बताया । ‘मैं कहता था ईश्वर ने मुझे इतने दु:ख दिए कि, मेरे सुंदर और भोले लडके की जान ले ली । मैं ईश्वर के पास कभी नहीं जाऊंगा । बच्चा बीमारी से अच्छा होने के लिए हम प्रार्थना करते थे’, ऐसा भी सुमन ने इस समय बताया ।
Threw away religious idols and closed the temple in the house after son’s death – Actor #ShekharSuman
According to the science of #spirituality, events like birth and death occur entirely as per the individual’s destiny.
Thus losing faith and blaming God is a sign of ignorance… pic.twitter.com/nOm5hAPEeJ
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 5, 2024
वर्ष १९८९ का किस्सा बताते समय उन्होने कहा कि, उनका ११ वर्ष का लडका ठीक न होने वाली दुर्लभ बीमारी होने से डॉक्टरों ने ‘वह और ८ माह जीवित रहेगा’, ऐसा बताया था । उसके उपरांत शेखर सुमन ने विश्वभर के अनेक विशेषज्ञ डॉक्टरों से उपचार लिया । इसके उपरांत वह लडका ४ वर्ष जीवित रहा । एक दिन बीमारी के समय लडके ने शेखर सुमन को शूटिंग के लिए न जाए, ऐसा कहा; परंतु दिग्दर्शक के शेखर सुमन की बहुत हानि होगी, ऐसा कहने से सुमन इस शूटिंग के लिए गए और इसी समय उनके लडके का निधन हो गया । लडके के निधन की घटना होने के उपरांत उन्होंने उपर्युक्त कृत्य करने की बात मीडिया को बताई । लडके के ठीक होने के लिए उन्होने बौद्ध धर्म की ओर मुडने की बात भी बताई ।
संपादकीय भूमिकाअध्यात्मशास्त्र के अनुसार जन्म, मृत्यु ये घटनाएं व्यक्ति के प्रारब्ध के अनुसार होती हैं जिसमें गुरु भी हस्तक्षेप नहीं करते । इस कारण ऐसी घटनाओं से ईश्वर से विश्वास हटने देना कहां तक सही ? |