न्यायालय ने कहा कि विद्यालय में पढना है, तो विद्यालय के नियमों का पालन करना होगा !
लंदन – ब्रिटेन के विद्यालयों में मुसलमान छात्रों के, विद्यालय परिसर में नमाज पढने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। विद्यालय के निर्णय के विरुद्ध एक मुसलमान छात्रा ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की। उच्च न्यायालय ने छात्रा की याचिका निरस्त कर दी और कहा कि यदि उसे विद्यालय में पढना है तो विद्यालय के नियमों का पालन करना होगा। न्यायालय ने कहा, “यदि छात्रा या उसके माता-पिता को विद्यालय का कोई नियम पसंद नहीं है तो वे विद्यालय छोडने के लिए स्वतंत्र हैं।” उच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत विद्यालय के संस्थापक और मुख्य शिक्षक कैथरीन बीरबल सिंह ने निर्णय का स्वागत किया और कहा कि यह सभी विद्यालयों की विजय है।
My statement regarding the verdict on our ban of prayer rituals at Michaela. pic.twitter.com/88UMC5UYXq
— Katharine Birbalsingh (@Miss_Snuffy) April 16, 2024
यह प्रकरण ब्रिटेन के ब्रेंट स्थित मिशेला कम्युनिटी विद्यालय का है। इस विद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार का धार्मिक कार्यक्रम पूर्णतः प्रतिबंधित है। इस विद्यालय में ७०० बच्चे पढते हैं। इनमें से आधे से अधिक मुसलमान हैं। इस विद्यालय में नमाज पर प्रतिबंध होते हुए ३० मुसलमान विद्यालयीन छात्रों ने नमाज पढी । जिसके के फलस्वरूप विद्यालय ने कडी कार्रवाई करते हुए सभी को चेतावनी दी। उसके उपरांत विद्यालय की एक छात्रा ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट कर विद्यालय में नमाज पढने पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग की ।
Court rejects the petition opposing the request for a ban on Namaz inside schools in Britain !
— The court stated that if you want to study in British schools, then you have to follow the rules of the school !
The demand for offering Namaz inside school premises is basically a… pic.twitter.com/ruJw1GtXEU
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 18, 2024
संपादकीय भूमिका
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