Namaz In British School : ब्रिटेन के विद्यालयों में नमाज पढने पर लगे प्रतिबंध के विरुद्ध प्रविष्ट याचिका न्यायालय निरस्त कर दी !

न्यायालय ने कहा कि विद्यालय में पढना है, तो विद्यालय के नियमों का पालन करना होगा !

लंदन – ब्रिटेन के विद्यालयों में मुसलमान छात्रों के, विद्यालय परिसर में नमाज पढने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। विद्यालय के निर्णय के विरुद्ध एक मुसलमान छात्रा ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट  की। उच्च न्यायालय ने छात्रा की याचिका निरस्त कर दी और कहा कि यदि उसे विद्यालय में पढना है तो विद्यालय के नियमों का पालन करना होगा। न्यायालय ने कहा, “यदि छात्रा या उसके माता-पिता को विद्यालय का कोई नियम पसंद नहीं है तो वे विद्यालय छोडने के लिए स्वतंत्र हैं।” उच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत विद्यालय के संस्थापक और मुख्य शिक्षक कैथरीन बीरबल सिंह ने निर्णय का स्वागत किया और कहा कि यह सभी विद्यालयों की विजय है।

यह प्रकरण ब्रिटेन के ब्रेंट स्थित मिशेला कम्युनिटी विद्यालय का है। इस विद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार का धार्मिक कार्यक्रम पूर्णतः प्रतिबंधित है। इस विद्यालय में ७००  बच्चे पढते हैं। इनमें से आधे से अधिक मुसलमान हैं। इस विद्यालय में नमाज पर प्रतिबंध होते हुए ३० मुसलमान विद्यालयीन छात्रों ने नमाज पढी । जिसके के फलस्वरूप विद्यालय ने कडी कार्रवाई करते हुए सभी को चेतावनी दी। उसके उपरांत विद्यालय की एक छात्रा ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट कर विद्यालय में नमाज पढने पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग की ।

संपादकीय भूमिका 

  • विद्यालय परिसर में नमाज की मांग करना मूलतः धर्मांध कट्टरता का प्रतीक है। इसलिए, ब्रिटेन में उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है ! 
  • भारत में कर्नाटक के कुछ विद्यालयों में मुस्लिम छात्राओऺ ने ´हिजाब´ परिधान करने की मांग की थी । ध्यान दें कि विद्यालयों के इस्लामीकरण करने का ये षड्यंत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत है !