(सूर्यतिलक अर्थात सूर्य किरणों से किया जानेवाला भगवान का अभिषेक !)
अयोध्या (उत्तर प्रदेश) – इस बार हुई रामनवमी अत्यंत विशेष थी । ५०० वर्षों के प्रदीर्घ संघर्ष के उपरांत अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान होने के उपरांत की यह पहली ही रामनवमी है । २५ पीढियों के उपरांत यह दैवीय दिवस देखने वाली आज की पहली ही पीढी है । श्रीरामजन्मभूमि पर श्रीराममंदिर में दोपहर १३ बजे से श्रीरामलला का सूर्यतिलक किया गया । दोपहर १२ बजे अभिजीत मुहूर्त पर ३ मिनट के लिए रामलला को सूर्यतिलक किया गया । इसके लिए आई.आई.टी. रुडकी द्वारा बनाए ‘ऑप्टोमेकेनिकल’ (प्रकाश और यंत्र की तकनीक का) पद्धति से यह सूर्यतिलक किया गया ।
(सौजन्य : Business Today)
ऐसे मनाई गई रामनवमी !
१. भोर ३:३० बजे मंदिर के पट खोले गए । अन्य दिनों में दरवाजे सुबह ६:३० बजे खोले जाते हैं । रात्रि ११:३० तक अर्थात २० घंटे भक्तों को दर्शन करने का नियोजन किया गया था ।
२. रामलला सदन में रामजन्मोत्सव मनाया गया । जगद्गुरू राघवाचार्य ने श्रीरामलला का ५१ कलशों से अभिषेक किया । लाखों रामभक्तों ने अपने आराध्य श्रीरामजी के दर्शन किए ।
३. अयोध्या के लगभग १० सहस्र मंदिरों में श्रीराम की स्तुति की जा रही है । श्रीरामलला की जयंती के अवसर पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा सहित उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार, अयोध्या के जिलाधिकारी नितीश कुमार आदि मान्यवर इस कार्यक्रम में उपस्थित थे ।