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पणजी (गोवा), ३ अप्रैल (वार्ता.) – समुद्रतट (बीच) एवं ‘पार्टी लाईफ’ (प्रीतिभोजन करना) के परे जाकर गोवा के पर्यटन को व्यापक स्वरूप देना आवश्यक है । इसके लिए पर्यटन क्षेत्र से संबंधित संस्था, आस्थापनों के साथ जनता की मानसिकता में भी परिवर्तन करने के लिए प्रयास करने पडेंगे । इस माध्यम से ‘हिंटरलैंड टूरिजम’ (ग्रामीण पर्यटन), ‘एडवेंचर टूरिजम’ (साहसिक पर्यटन), ‘स्पिरिच्युअल टूरिजम’ (आध्यात्मिक पर्यटन) आदि को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए, ऐसा महत्त्वपूर्ण निर्धार गोवा पर्यटन विभाग के संचालक ‘आइ.ए.एस.’ अधिकारी सुनिल आंचिपाका ने व्यक्त किया । वे गोवा राज्य पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित ‘गोवा अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल मार्ट २०२४’ इस २ दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे । यह कार्यक्रम तालगांव के ‘डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी इनडोर स्टेडियम’में ३ अप्रैल को आरंभ हुआ ।
सौजन्य Goa Tourism
३ अप्रैल को सवेरे हुए सत्र में ‘रिजनरेटिव टूरिजम’ (टिप्पणी) विषय पर परिसंवाद संपन्न हुआ । इस परिसंवाद को सुनिल आंचिपाका के साथ गोवा कला एवं संस्कृति विभाग के संचालक सगुण वेळीप आदि अधिकारी, इसके साथ ही पर्यटन से संबंधित आस्थापनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी संबोधित किया । सभी वक्ताओं ने गोवा में पुनरुत्पादक एवं शाश्वत पर्यटन पर बल देने पर अपने-अपने मत व्यक्त किए । इस कार्यक्रम के लिए राज्य के पर्यटनमंत्री रोहन खंवटे भी कुछ समय के लिए उपस्थित थे । इसमें भारत सहित वियतनाम, दक्षिण कोरिया, नेपाल, अमेरिका, वेस्ट इंडीज, अफ्रीकी देश आदि विविध स्थानों से भी पर्यटन क्षेत्र से संबंधित आस्थापनों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए हैं ।
To relive the Indian ethos by revisiting it or say, rediscovering it is the need of the hour!
With this objective of developing regenerative tourism, #GITM2024 (Goa International Tourism Mart) was held in Taleigao in Goa today!
Goa's tourism department has spearheaded in this… pic.twitter.com/7ProCwIATP
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 3, 2024
इस अवसर पर गोवा पर्यटन विभाग और इस क्षेत्र से संबंधित संस्थाओं में हुए कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए । इनमें ‘मास्टरकार्ड’, ‘फ्लाइ ९१’, ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था’, ‘आयर्नमैन’ एवं ‘अगोडा’ नामक संस्था अथवा आस्थापनों का समावेश था ।
(टिप्पणी : रिजनरेटिव टूरिजम् अर्थात पर्यटनस्थल से संबंधित प्राकृतिक, सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से सकारात्मक दूरगामी परिणाम होने के लिए किए गए सर्वसमावेशक प्रयत्न !)
We were happy to speak with Shri. Sunil Anchipaka ji @SuneelAnchipaka director of Goa tourism in the #GITM2024 event today. It was a very cordial meet.
His dedicated efforts to regenerate tourism, the Bharatiya way are really commendable.
It's the maiden attempt by any Indian…
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 3, 2024
पुनरुत्पादक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करनेवाला देश का पहला राज्य !
‘गोवा का पर्यटन क्षेत्र ‘सन, सैंड एंड सी’ (सूर्य, रेत और सागर) इतने तक ही सीमित नहीं है । समुद्रतट से दूर स्थित ग्रामीण गोवा, गोवा की परंपरा, आध्यात्मिक पर्यटन, यहां विविधताओं से सुसज्जित संस्कृति, गोवा का आदरातिथ्य इत्यादि के दर्शन पर्यटकों काे करवाना महत्त्वपूर्ण है । पुनरुत्पादक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करनेवाला गोवा, यह देश का पहला राज्य है । गोवा के पूर्व में सह्याद्री की घाटियां, अभयारण्य (वन), प्राकृतिक सौंदर्य की ओर पर्यटकों को आकर्षित करना चाहिए । गोवा के स्थानीय लोगों से संपर्क, गोवा के लोगों में अन्यों के प्रति अपनापन, स्थानीय स्तर पर साधनसुविधाओं की निर्मिति, स्थानीय कलाओं को प्रोत्साहन देना आदि होना चाहिए । ऐसे मत भी विशेषज्ञों ने व्यक्त किए ।