Abhijit Gangopadhyay : गोडसे ने गांधीजी की हत्या क्यों की, यह जानना आवश्यक !

  • बंगाल में भाजपा के प्रत्याशी और पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय का वक्तव्य !

  • कांग्रेस ने गंगोपाध्याय की उम्मीदवारी निरस्त करने की मांग की !

अभिजीत गंगोपाध्याय एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश

कोलकाता (बंगाल) – मैं विधि क्षेत्र से आता हूं । मुझे लगता है कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक कथा का एक दूसरा पक्ष भी होता है । गोडसे ने गांधी की हत्या पर एक पुस्तक लिखी है । वह बांग्ला भाषा में वह उपलब्ध थी किन्तु अब नहीं है । मुझे गोडसे का साहित्य पढने के उपरांत यह उजागर करने की आवश्यकता लगती है कि उन्होंने महात्मा गाधी को मारने का निर्णय क्यों किया । कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और भाजपा के प्रत्याशी अभिजीत गंगोपाध्याय ने अभी-अभी में एक समाचार वाहिनी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, जब तक मुझे यह ज्ञात नहीं होता, मैं गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं करूंगा। इस वक्तव्य पर कांग्रेस ने कडी आपत्ति जताई है और बीजेपी से उनकी लोकसभा उम्मीदवारी वापस लेने की मांग की है ।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गंगोपाध्याय वक्तव्य पूर्णरूपेण अस्वीकार्य है और उन्होंने गांधीजी के सामाजिक उत्तराधिकार को संरक्षित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है. (इस देश के किसी भी नागरिक पर गांधीजी की विरासत को संरक्षित करने का कोई दायित्व नहीं है। सभी को व्यक्तिगत स्वतंत्रता है! – संपादक) इसलिए उनकी उम्मीदवारी तुरंत वापस ली जानी चाहिए। राष्ट्रपिता के विचारों की रक्षा के लिए आज के राष्ट्राध्यक्ष क्या निर्णय लेंगे? ऐसा प्रश्न जयराम रमेश ने भी उठाया ।

(सौजन्य : India Today)

संपादकीय भूमिका

  • वैश्विक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ‘लादेन जी’ कहने वाले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, दिल्ली के बाटला हाउस में जिहादी धर्मांध आतंकवादी के मारे जाने पर रुदन करने वाली सोनिया गांधी के संबंध में कांग्रेस चर्चा क्यों नहीं कर रही है ?
  • गांधी, जिन्होंने भारत के विभाजन की अनुमति दी, गांधी जिन्होंने विभाजन के कारण भारत लौटने वाले हिन्दुओं को कडाके के शीतकाल में, लावारिस पडी मस्जिद से बाहर निकलने के लिए बाध्य किया, गांधी जो विभाजन के कारण हुई  १० लाख हिन्दुओं की प्राणहानी के लिए उत्तरदायी थे, कश्मीर पर आक्रमण करने वाले पाकिस्तान को उसके हिस्से का ५५ करोड (आज का अनुमानित १ सहस्त्र २०० करोड) गांधी जी ने देने का व्रत लिया, इस प्रचंड वेदनादायी इतिहास को कोई कैसे भूल सकता है ?